कोरोना लॉकडाउन ने लगाया भारत और नेपाल के बीच बेटी-रोटी के रिश्ते पर ग्रहण
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जारी लॉकडाउन ने भारत-नेपाल के बीच सदियों से चले आ रहे बेटी-रोटी के रिश्ते पर भी ग्रहण लगा दिया है। उत्तर बिहार के जिलों से नेपाल में प्रतिवर्ष एक हजार से अधिक...
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जारी लॉकडाउन ने भारत-नेपाल के बीच सदियों से चले आ रहे बेटी-रोटी के रिश्ते पर भी ग्रहण लगा दिया है। उत्तर बिहार के जिलों से नेपाल में प्रतिवर्ष एक हजार से अधिक शादियां होती थीं। इस वर्ष भी लॉकडाउन से पहले से शादियां तय थी।
बॉर्डर सील होने के कारण पहले से तय सैकड़ों शादियां या तो कैंसिल कर दी अथवा उसकी तिथि आगे बढ़ा दी गई। कई शादियां तो सिर्फ इसलिए कैंसिल हो गईं कि उनके करीबी रिश्तेदार भारत या नेपाल में फंसे हैं। लॉकडाउन के कारण बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी गई है। लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह रोक है। हालत यह हो गई है कि दोनों देशों में रहने वाले रिश्तेदार भी एक-दूसरे से मिलने को तरस गए हैं।
उत्तर बिहार के चम्पारण-मिथिलांचल से लेकर कोसी-सीमांचल तक का इलाका नेपाल की सीमा से सटे है। यहां के लगभग हर गांव का संबंध नेपाल में हैं। रिश्तेदारों का आना जाना लगा रहता है। प्रतिवर्ष दोनों देशों के लोग अपने बेटे-बेटियों की शादी करते हैं। लेकिन लॉकडाउन के कारण इस वर्ष सबकुछ बंद है।
पश्चिम चम्पारण के मैनाटांड़ के रमपुरवा के वीरेंद्र साह ने बताया कि उनके बेटे की शादी 26 अप्रैल को नेपाल के पांडेपुर पिड़ारी में होनी थी। लॉकडाउन के कारण इसे अगले साल तक के लिए टाल दिया गया। गदियानी भंगहा के बेलास यादव के बेटे की 10 मई को नेपाल के मिर्जापुर में होने वाली शादी भी अब अगले वर्ष होगी। वाल्मीकिनगर के कैलाशपुर नेपाली टोला के मुन्ना थापा की बेटी की बारात 26 मई को नेपाल के नवलपरासी के ब्रह्मपुरा से नहीं आ सकी। मधुबनी के सिर्फ बासोपट्टी और हरलाखी प्रखंड क्षेत्र से अप्रैल व मई में नेपाल में होनेवाली दो दर्जन से अधिक शादियां कैंसिल हो गई। बासोपट्टी के टेंट कारोबारी बैद्यनाथ महतो के मुताबिक उनकी लगभग दर्जनभर बुकिंग कैंसिल हुई है।
सीतामढ़ी के नेपाल बॉर्डर से सटे बैरगनिया, सोनबरसा, मेजरगंज और सुरसंड प्रखंड क्षेत्र से नेपाल में तय लगभग एक सौ शादियां फिलहाल टल गई है। बताते हैं कि सिर्फ बैरगनिया प्रखंड क्षेत्र से इस वर्ष पचास शादियां नेपाल में तय थीं।
बिहार के लोगों का नेपाल के लोगों से है अटूट रिश्ता
बताया जाता है कि नेपाल के तराई इलाके में बिहार के लाखों लोग रहते हैं। नेपाल के तराई इलाके में अधिकांश दुकानें व्यवसाय और फैक्ट्रियां बिहार के लोगों की ही है। लॉकडाउन में कई ऐसे परिवार हैं जो बिहार और नेपाल में फंसे हुए हैं और उनका एक दूसरे से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है।
खुश्कीबाग के रहने वाले सीताराम हलधर ने बताया कि उनके बहन का देहांत पांच मई को ही हो गया था लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी वह नेपाल नहीं पहुंच पाए। कसबा के रहने वाले सोहन शाह ने बताया कि वह अपनी पुत्री की शादी नेपाल के विराटनगर स्थित एक बड़े हार्डवेयर व्यवसाई से तय हुआ था। यह शादी 30 मई को ही होनी थी लेकिन लॉकडाउन की वजह यह शादी नही हो पायी।
बताया जाता है कि कोरोना की वजह से नेपाल सरकार ने कड़ा नियम कर दिया है। नेपाल के एक भी नागरिक भारत के क्षेत्र में नहीं जाएंगे। इसकी वजह से जरूरत पड़ने के बावजूद भी नेपाल के लोग भारतीय क्षेत्र में अपने रिश्तेदार के यहां नहीं आ पा रहे हैं।