Hindi Newsबिहार न्यूज़Controversy in Patna Sahib over punishment to officials protest against Akal Takht Jathedar

पटना साहिब के पदाधिकारियों को सजा देने पर विवाद, अकाल तख्त जत्थेदार के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन

अकाल तख्त के पंच प्यारों द्वारा जारी हुमुमनामा में पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को अकाल तख्त के आदेश का उलंघन करने का दोषी पाते हुए उन्हें तनखैया घोषित कर दिया गया।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, पटनाWed, 7 Dec 2022 08:58 AM
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पटना के अकाल तख्त श्रीहरमंदिरजी साहिब में मैनेजमेंट कमिटी के सदस्यों और पदाधिकारियों को सजा देने पर विवाद हो गया है। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा तख्तश्री हरमंदिरजी प्रकरण में लिए गए फैसले से पटना साहिब में सरगर्मी तेज हो गई है। फैसले के खिलाफ मंगलवार शाम पंथक धार्मिक मोर्चा ने जत्थेदार का पुतला फूंका और प्रदर्शन किया।

तख्त साहिब की पुरातन मर्यादा को बचाने और अकाल तख्त के जत्थेदार द्वारा तख्त साहिब के संविधान के खिलाफ काम करने के विरोध में गुरुघर के मुख्यद्वार पर धरना दे रहे पंथक धार्मिक मोर्चा के लोगों ने फैसले की जानकारी होते ही कार्यालय में कामकाज ठप कर विरोध करने लगे।

मोर्चा के मुख्य संरक्षक तेजेन्द्र सिंह बंटी की अध्यक्षता और अध्यक्ष दीपक सिंह के संचालन में धरना पर बैठे महासचिव रंजीत सिंह, अवधेश सिंह, दया सिंह, राजेश सिंह अकाली, सतनाम सिंह बग्गा, इंद्रजीत सिंह बग्गा, अजय सिंह, जसवंत सिंह समेत कई लोगों ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह के फैसले को गलत करार देते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। 

लोगों ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ आंदोलन बुधवार को भी जारी रहेगा। पंथक धार्मिक मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे और कार्यालय में कामकाज ठप कर विरोध प्रदर्शन किया। मांगों को लेकर कई घंटों तक लोग प्रदर्शन करते रहे।

क्या है मामला?

अकाल तख्त के जत्थेदार द्वारा जारी हुकुमनामे के तहत मंगलवार को प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी व सदस्य अकाल तख्त में हाजिर हुए। दोपहर में पदाधिकारियों का चुनाव कराने का निर्देश दिया गया है। अकाल तख्त के पंच प्यारों द्वारा जारी हुमुमनामा में पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को अकाल तख्त के आदेश का उलंघन करने का दोषी पाते हुए उन्हें तनखैया घोषित कर दिया गया। वहीं जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह की सेवा समाप्त करते हुए उनके खिलाफ मिली शिकायतों की जांच कमेटी द्वारा शीघ्र कराने और इसकी रिपोर्ट अकाल तख्त को सौंपने को कहा गया।

आदेश की अवहेलना करने के आरोप में कमेटी के महासचिव इंद्रजीत सिंह, हाल में बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्रपाल सिंह ढिल्लों और महासचिव को भी धार्मिक सजा के तहत तख्त साहिब में पांच दिनों तक प्रतिदिन एक घंटा झाड़ू लगाने, एक घंटा बर्तन साफ करने और एक घंटा कीर्तन सुनने का आदेश दिया गया। सजा पूरी करने के बाद तीनों को पांच सौ एक रुपये दानकर अरदास करने को कहा गया है। सचिव हरवंश सिंह को तख्त साहिब के पंच प्यारों के द्वारा दी गई सजा को पूरा करने का निर्देश दिया गया।
 

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