सरकारी कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए बनी समिति, 50 पार वालों में मची खलबली
50 पार के कर्मचारी को सरकारी सेवा में बनाये रखना लोकहित में है या नहीं। इनकी कार्यदक्षता या आचार ऐसा तो नहीं है, जिससे इन्हें सेवा में बनाये रखना न्याय नहीं है। अगर दक्षता और आचार बेहतर नहीं हुआ तो...
50 पार के कर्मचारी को सरकारी सेवा में बनाये रखना लोकहित में है या नहीं। इनकी कार्यदक्षता या आचार ऐसा तो नहीं है, जिससे इन्हें सेवा में बनाये रखना न्याय नहीं है। अगर दक्षता और आचार बेहतर नहीं हुआ तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। कर्मचारियों की दक्षता जांचने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने समिति गठित कर दी है। समिति गठित होने से 50 पार वाले कर्मचारियों में खलबली मची है।
समूह क, ख और ग स्तर के कर्मियों के लिए अलग-अलग समिति बनाई गई है। समूह क की समिति में विभाग के प्रधान सचिव-सचिव अध्यक्ष बनाये गये हैं। वहीं विशेष सचिव, संयुक्त सचिव, प्रशासा पदाधिकारी- स्थापना और सहायक सदस्य होंगे। समूह ख के लिए अपर सचिव, संयुक्त सचिव अध्यक्ष होंगे। उप सचिव, अवर सचिव और सहायक सदस्य होंगे। इसी प्रकार समूह ग के लिए संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में समिति बनी है। उप सचिव, अवर सचिव और सहायक इसके सदस्य होंगे।
जिन सरकारी सेवकों की उम्र किसी वर्ष जुलाई से दिसंबर में 50 वर्ष से ज्यादा होने वाली हो, उनके मामलों की समीक्षा समिति द्वारा उसी वर्ष जून माह में की जाएगी। जिन सरकारी सेवकों की उम्र किसी वर्ष जनवरी से जून में 50 वर्ष से अधिक होने वाली हो, उनके मामलों की समीक्षा पिछले वर्ष दिसंबर में की जाएगी।