बिहार विधानसभा चुनाव से पहले 12 लाख से ज्यादा नौकरियां दे देंगे, नीतीश का बड़ा ऐलान
पूर्णिया जिले के रूपौली में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में 12 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दे दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले 12 लाख से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी दे दी जाएंगी। सरकार ने वादा 10 लाख का किया था जबकि मौजूदा कार्यकाल पूरा होते-होते 12 लाख 33 हजार सरकारी नौकरियां दे दी जाएंगी। सीएम ने शनिवार को रूपौली में उपचुनाव को लेकर जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल के समर्थन में जनसभा की। इस दौरान मंच से उन्होंने दावा किया कि सरकार ने बिहार में 22 लाख 48000 रोजगार देने का लक्ष्य पूरा कर लिया है।
सीएम नीतीश ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार द्वारा 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादे को भी 2025 के कार्यकाल से पहले पूरा किया जाएगा। अब तक 5.15 लाख से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। 2 लाख सरकारी नौकरियां पाइपलाइन में हैं। साथ ही आने वाले दिनों में 72000 पदों पर और भर्तियां निकाली जाएंगी।
नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे लिए पूरा बिहार एक परिवार है। हम लोग सबके हित में काम करते हैं। अपने हित की बात नहीं करते। अपने परिवार की बात नहीं करते हैं। आरेजडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं, शादी की तो नौ-नौ बच्चे पैदा कर लिए। बेटी-बेटा को आगे करते रहते थे। हम लोग पूरे बिहार को परिवार मानते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सांप्रदायिक झगड़ा खूब होता था। हम लोगों (बीजेपी और जेडीयू) ने मिलकर काम किया। अब धर्म के नाम पर झगड़ा नहीं होता है। पिछले 15 साल में एक भी दंगा नहीं हुआ है। मुसलमान के विकास के लिए हमने जो प्रयास किया है वह किसी सरकार ने नहीं किया है। हमने मदरसा को सरकारी विद्यालय के बराबर का दर्जा दिया। मदरसा के शिक्षकों को भी सरकारी शिक्षक का दर्जा देकर उसका उत्थान किया है। बिहार में मुसलमान पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने सभी जातियों के लिए काम किया है। जाति आधारित गणना कराई। उच्च न्यायालय द्वारा पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ी जाति का खत्म किए गए आरक्षण को न सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे, बल्कि केंद्र सरकार से कहा है कि पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जाति के आरक्षण को अनुसूची 9 में डाला जाए ताकि बिहार के पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जाति का आरक्षण रूपी हक सुरक्षित किया जा सके।