स्टेशन पर पुलिस, GRP व RPF के बीच चले लाठी-डंडे; DSP ने जानबूझकर बदला लेने की जताई आशंका, जांच जारी
बिहार के शाहपुर पटोरी रेलवे स्टेशन पर पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ के बीच जमकर लाठी-डंडे चले। डीएसपी समेत आला अफसर इसकी जांच कर रहे हैं। डीएसपी ने इसके पीछे जानबूझकर बदला लेने की आशंका जताई है।
शाहपुर पटोरी रेलवे स्टेशन पर रविवार सुबह एवं दोपहर में बिहार पुलिस, जीआरपी व आरपीएफ के बीच हुई झड़प, मारपीट, हाथापाई, गाली-गलौज के मामले की जांच मंगलवार को रेल डीएसपी गौरव पांडेय ने शाहपुर पटोरी में की। रेल एसपी कटिहार के निर्देश पर शाहपुर पटोरी पहुंचे रेल डीएसपी ने इस मामले के घटनास्थल का मुआयना किया तथा मामले के तीनों पक्षों के अलावा वहां मौजूद कुछ लोगों से भी इस संबंध में जानकारी ली। डीएसपी ने जीआरपी एवं आरपीएफ से पूछताछ एवं घटना के वक्त के वीडियो के अवलोकन के बाद पत्रकारों से कहा कि वे अपनी रिपोर्ट रेल एसपी के समक्ष रखेंगे।
पूछताछ में जीआरपी व आरपीएफ के जवानों ने बताया कि रविवार की दोपहर में पटोरी थाना के अधिकारी व जवान पुलिस वाहनों एवं बाइक पर सवार होकर पहले आरपीएफ बैरक पहुंचे। सभी के हाथों में लाठी-डंडे थे। पहले पटोरी थाना के अधिकारियों व जवानों ने उन्हें आरपीएफ बैरक में ढूंढा, परंतु वहां उनके नहीं मिलने के बाद वे सभी शाहपुर पटोरी रेलवे स्टेशन पहुंचे और जीआरपी व आरपीएफ के जवानों की लाठी-डंडा से पिटाई की। पुलिस वालों के बीच हो रही मारपीट के कारण स्टेशन पर यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई थी।
एक वायरल वीडियो में यह भी देखा गया कि पटोरी थाने में कार्यरत एक एएसआई, जीआरपी के एक जवान के सिर से टोपी खींच लेते हैं। वीडियो में स्पष्ट है कि पटोरी थाने के दारोगा, एएसआई एवं जवान आरपीएफ एवं जीआरपी के जवानों को रेलवे प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के सामने भद्दी-भद्दी गालियां दे रहे हैं। पटोरी थाना के पुलिस अधिकारी व जवान दिन की घटना के बाद जानबूझकर दोपहर में बदला लेने के उद्देश्य से रेलवे स्टेशन पहुंचे और मारपीट व गाली-गलौज की।
पत्रकारों से बात करते हुए रेल डीएसपी ने कहा कि रविवार सुबह हुई घटना में आपसी तालमेल की कमी एवं कुछ कंफ्यूजन की बात मानी जा सकती है। परंतु दोपहर में पटोरी थाने के कुछ अधिकारी एवं जवानों द्वारा आरपीएफ एवं जीआरपी के जवानों की पिटाई जान-बूझकर और बदला लेने के उद्देश्य से की गई प्रतीत होती है। इधर सभी वीडियो के अवलोकन एवं पूछताछ से यह भी स्पष्ट होने लगा है कि इस मामले में पटोरी थाने के एक दारोगा, दो एएसआई एवं 112 टीम समेत डेढ दर्जन जवान भी सीधे तौर पर संलिप्त थे।