पॉवर का मतलब यह नहीं कि कुछ भी करें, जज से मारपीट मामले में HC की तल्ख टिप्पणी, CID को सौंपी जांच
बिहार के मधुबनी के झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे अविनाश कुमार के साथ मारपीट की घटना की जांच अब सीआईडी करेगी। पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को यह निर्देश देते हुए मामले में तल्ख...
बिहार के मधुबनी के झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे अविनाश कुमार के साथ मारपीट की घटना की जांच अब सीआईडी करेगी। पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को यह निर्देश देते हुए मामले में तल्ख टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा कि पॉवर का मतलब यह नहीं है कि कुछ भी कर सकते हैं।
जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि गुरुवार तक इसकी जांच सीआईडी को सौंप दें। मामले की जांच एसपी रैंक के नीचे के अधिकारी से न कराने का भी आदेश दिया गया है। कोर्ट ने मधुबनी के SP की कार्यशैली पर भी नाराजगी जताईई। अब इस मामले की जांच में मधुबनी पुलिस का हस्तक्षेप नहीं होगा। कोर्ट ने इस मामले में आगे की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता मृग्यांक मौली को कोर्ट के सहयोग के लिए इस मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है।
ये है मामला
झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे अविनाश कुमार पर 18 नवंबर को उनके चैंबर में घुसकर घोघरडीहा थाने के एसएचओ गोपाल प्रसाद यादव और एसआई अभिमन्यु शर्मा ने हमला बोल दिया था। एडीजे ने अपनी शिकायत में बताया कि एसएचओ और एसआई ने पहले उनके साथ गलत भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन पर हमला बोल दिया। उनके साथ मारपीट की। इस दौरान एसएचओ ने अपनी रिवॉल्वर निकालकर एडीजे पर तान दी और जान से मारने की धमकी दी। एडीजे अविनाश कुमार ने घटना के दिन ही पटना हाईकोर्ट को पत्र भेज पूरी घटना की जानकारी दी थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और बिहार के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के एसपी को नोटिस जारी किया था। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने आठ दिसम्बर की तारीख मुकर्रर की है।