Hindi Newsबिहार न्यूज़Chit fund companies Nitish government took this action to control them investigation will be reviewed every month

चिटफंड कंपनियों की अब खैर नहीं, कंट्रोल के लिए नीतीश सरकार ने लिया यह एक्शन

रिपोर्ट में बताना होगा कि कितने मामले दर्ज हैं, इसमें अभियुक्त कितने हैं, कितने की गिरफ्तारी हुई, कितने फरार हैं, लोगों की कितनी राशि डूबी हुई है, कितनी रिकवरी हो चुकी है। सरकार इसे लेकर काफी सख्त है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटनाThu, 1 Aug 2024 06:25 AM
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बिहार में चिटफंड कंपनियों द्वारा आम नागरिकों को झांसा देकर ठगी को लेकर नीतीश कुमार की सरकार काफी गंभीर है। राज्य में लोगों से धोखाधड़ी या ठगी करने वाले चिटफंड या एनबीएफसी (नन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) के खिलाफ जांच तेज कर दी गई है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने सभी जिलों के एसपी को लंबित मामलों की समीक्षा कर हर माह अपडेट स्थिति के साथ रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।

रिपोर्ट में बताना होगा कि कितने मामले दर्ज हैं, इसमें अभियुक्त कितने हैं, कितने की गिरफ्तारी हुई, कितने फरार हैं, लोगों की कितनी राशि डूबी हुई है और कितनी रिकवरी हो चुकी है। इन तमाम जानकारियों को एकत्र करके समेकित रिपोर्ट तैयार करके भेजनी है। ऐसा नहीं करने वाले जिलों से इसका कारण पूछा जाएगा। कुछ दिन पहले 5-6 जिलों को बुलाकर एनबीएफसी से जुड़े मुकदमों की समीक्षा ईओयू के एसपी मदन कुमार आनंद ने की। इसमें उन्होनें जांच की गति तेज करने का सख्त निर्देश दिया। आगे से लापरवाही पर कार्रवाई होगी।

50 करोड़ फंसे

● सूबे के सभी जिलों में 175 मामले चिट फंड कंपनी के खिलाफ दर्ज हैं

● इसमें लोगों के अब भी 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि फंसी हुई हैं

● औरंगाबाद, रोहतास, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार में सर्वाधिक केस

इंस्पेक्टर को आईओ बनाना अनिवार्य

ऐसे कांडों के जांच को लेकर भी निमयों में बदलाव किया गया है। कई जिलों में आईओ (अनुसंधान पदाधिकारी) दारोगा रैंक के पदाधिकारी को बना दिया गया है। नियम के अनुसार, जांच इंस्पेक्टर रैंक के नीचे के पदाधिकारी नहीं कर सकते। ईओयू ने जिलों को हिदायत दी है कि एनबीएफसी से जुड़े मामले में इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के पदाधिकारी आईओ नहीं होंगे। आदेश न मानने पर जवाब तलब किया जाएगा। सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि आम जनों की गाढ़ी कमाई पर बुरी नजर रखने वालों को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ा जाएगा। सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी।

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