छपरा बवाल: सारण में दो दिन और बंद रहेगा इंटरनेट, आरजेडी और बीजेपी के 150 समर्थकों पर केस
छपरा (सारण) में लोकसभा चुनाव के दौरान हुई हिंसा के बाद लगी इंटरनेट सेवा पर रोक की अवधि दो दिन और बढ़ा दी गई है। आरजेडी और बीजेपी के 150 समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
बिहार के सारण जिले में चुनावी हिंसा के बाद बिगड़े माहौल को देखते हुए इंटरनेट बैन की अवधि दो दिन और बढ़ा दी गई है। जिले में 25 मई तक इंटरनेट सेवा पर पाबंदी रहेगी। वहीं, छपरा में हुए मतदान के दौरान और उसके बाद हुए बवाल के मामले में पुलिस ने आरजेडी एवं बीजेपी के 150 समर्थकों पर केस दर्ज किया है। गोलीबारी के आरोप में गिरफ्तार बीजेपी नेता रमाकांत सिंह और उनके भतीजे राम प्रताप सिंह को जेल भेज दिया गया है। गोलीबारी में आरजेडी समर्थक की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हुए थे।
छपरा में चुनावी हिंसा के बाद सारण जिले में इंटरनेट सेवा पर लगाई गई रोक 25 मई शाम 5 बजे तक बढ़ा दी गई। गृह विभाग ने पहले 23 मई तक ही इंटरनेट सेवा बाधित रखने का निर्देश दिया गया था। लोकसभा चुनाव के छठे चरण में महाराजगंज सीट पर होने वाले चुनाव को देखते हुए अब इस रोक की अवधि बढ़ाकर 25 मई तक कर दी गई है। बुधवार को जारी विभागीय आदेश के अनुसार, सारण के डीएम और एसपी की रिपोर्ट पर रोक की अवधि बढ़ाई गई है। आशंका है कि महाराजगंज में होने वाले चुनाव में सारण के कुछ असामाजिक तत्व इंटरनेट के जरिए माहौल खराब कर सकते हैं।
आरजेडी और बीजेपी के 150 समर्थकों पर मुकदमा
छपरा के भिखारी ठाकुर चौक पर मंगलवार को हिंसक झड़प, फायरिंग एवं पत्थरबाजी के मालमे में पुलिस-प्रशासन की ओर से टाउन थाने में आरजेडी और बीजेपी के लगभग 150 अज्ञात समर्थकों पर एफआईआर दर्ज कराई है। एसपी ने बताया कि समझाने-बुझाने के बाद भी इन लोगों ने ईंट-पत्थर और हथियार के साथ हंगामा किया और फायरिंग की।
रोहिणी आचार्य, भोला यादव समेत 8 पर केस
छपरा के बड़ा तेलपा मोहल्ले में स्थित बूथ संख्या 318 एवं 319 पर 20 मई को चुनाव के दिन हुए हंगामा और मारपीट की घटना को लेकर टाउन थाने में बड़ा तेलपा मोहल्ले के मनोज कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि आरजेडी प्रत्याशी रोहिणी आचार्य ने मतदान केंद्र पर पहुंचकर फर्जी मतदान करने का दबाव बनाया। उनके साथ पूर्व एमएलसी भोला राय एवं 50 से अधिक लोग मौजूद थे। रोहिणी आचार्य एवं आरजेडी समर्थकों ने गालियां और जान मारने की धमकी दी और एक व्यक्ति के साथ मारपीट की गई, जिसका इलाज पीएचसी में हुआ। मनोज कुमार बीजेपी समर्थक बताए जा रहे हैं।