Hindi Newsबिहार न्यूज़Changing lifestyle causing upset stomach Piles patients increased 53 percent in this Bihar district

बदलती लाइफस्टाइल से पेट हो रहा गड़बड़, बिहार के इस जिले में पाइल्स के मरीज 53 फीसदी बढ़े

कोरोना काल के बाद तेजी से बदली लाइफस्टाइल से लोगों को पेट संबंधित बीमारियां सताने लगी हैं। इससे बवासीर यानी पाइल्स के मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 14 Oct 2023 12:50 PM
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वर्क फ्रॉम होम कल्चर, अनियमित दिनचर्या और बढ़ते फूड डिलीवरी कल्चर ने लोगों को पेट की ऐसी बीमारी से ग्रसित कर दिया है, जो आगे चलकर पाइल्स की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इसके शिकार ज्यादातर लोग इलाज कराने के बजाय इसके बारे में डॉक्टरों को बताने में भी संकोच करते हैं। आलम ये है कि बीते पांच साल में बिहार के भागलपुर जिले में पाइल्स यानी बवासीर के बीमारों की संख्या में 53 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। 

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बवासीर का ऑपरेशन कराने वाले लोगों की संख्या में ढाई गुना से भी ज्यादा की वृद्धि हुई है। साल 2019 में मायागंज अस्पताल में जहां 1235 लोगों ने बवासीर का इलाज कराया था तो ये आंकड़ा साल 2023 में सिर्फ सितंबर माह तक ही 1378 हो गया। वहीं साल 2019 में जहां 135 लोगों ने मायागंज अस्पताल में बवासीर की सर्जरी कराई थी तो वहीं इस साल सितंबर माह तक 313 लोगों ने बवासीर की सर्जरी करा ली है। 

मायागंज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी बताते हैं कि ज्यादातर बवासीर के शिकार आईटी सेक्टर से जुड़े लोग, ड्राइवर, पर्यटक व छात्र हो रहे हैं। यहां तक कि 10 से 12 साल के बच्चे भी पहले कब्ज फिर बाद में फिशर का शिकार हो रहे हैं। ऐसा होने की बड़ी वजह स्ट्रीट फूड और घर पर पहुंच रहे बाहर का खाना, पिज्जा, बर्गर आदि हैं।

ये लोग तेजी से हो रहे बवासीर के शिकार 
● कैब व बाइक-टैक्सी ड्राइवर
● यात्राओं में अधिक समय बिताने वाले लोग
● जंक, फास्ट, स्ट्रीट फूड अधिक खाने वाले लोग
● होम डिलीवरी सिस्टम से मंगवाया भोजन करने से
● वर्क फ्रॉम होम के कारण घर में अधिक समय तक बैठना, रेस्टोरेंट में खाने का चलन
 

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