Hindi Newsबिहार न्यूज़BSSC paper link scandal gangster Ajay is son of the police sub inspector was also caught with mobile in the forest department exam

BSSC पेपर लींक कांडः दारोगा का बेटा है सरगना अजय, वन विभाग की परीक्षा में भी मोबाइल के साथ पकड़ा गया था

पहले भी अजय ने वन एवं पर्यावरण विभाग की एक परीक्षा में भी परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन वह पकड़ा गया। इस बार वह अपनी चालाकी में सफल रहा क्योंकि जांच ठीक से नहीं हो पायी।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाMon, 26 Dec 2022 07:58 AM
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बीएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले के मुख्य अभियुक्त अजय कुमार के पिता अशोक कुमार बेतिया थाने में दारोगा के पद पर तैनात हैं। पिता की भी ड्यूटी बेतिया के एक परीक्षा केन्द्र पर लगी थी। अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि उनके बेटों की करतूत के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। ये लोग मूल रूप से सुपौल जिले के रहने वाले हैं।

इससे पहले भी अजय ने वन एवं पर्यावरण विभाग की एक परीक्षा में भी परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन वह पकड़ा गया। परंतु इस बार वह अपनी चालाकी में सफल रहा। इस बार वह पहली पाली की परीक्षा शुरू होने के निर्धारित समय सुबह 10 बजे से ठीक 10 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पहुंचा। हड़बड़ी में उसकी जांच ठीक से नहीं हो पायी और वह चकमा देकर मोबाइल लेकर अंदर चला गया। उसने छोटे मोबाइल को अपने पास छिपा रखा था, जिससे वह पकड़ में नहीं आया और वीक्षक से बचकर प्रश्न-पत्र की फोटो खिंचकर इसे भाई को भेजने में कामयाब रहा। 

वीक्षक के रूप में काम कर रहे मोतिहारी में मौजूद परीक्षा केंद्र शांति निकेतन जुबली स्कूल के शिक्षक सचिंद्र ज्योति से पूछताछ और उनके मोबाइल की अब तक हुई तकनीकी जांच से यह पता चला कि उनका अजय से कोई सीधा कनेक्शन नहीं है। इस मामले में आगे की जांच चल रही है, इसके बाद ही स्थिति साफ होगी।

सेटिंग के धंधे में कुछ अन्य गैंग का भी चला पता

गिरफ्तार हुए अभ्यर्थियों से भी अलग-अलग पूछताछ की गई है। इनसे कई अहम बातें सामने आयी हैं। पटना के खेमनीचक से गिरफ्तार जीतू पासवान का परीक्षा केंद्र पूर्णिया में था। उसके पास से हाथ में चिपकाया हुआ हाईटेक ब्लूटूथ डिवाइस मिला था। जीतू को किसी दूसरे गैंग ने इस डिवाइस को देकर भेजा था कि उसे उत्तर लिखवा दिया जायेगा।

परीक्षा पास होने पर 10 लाख रुपये देना था

परीक्षा में पास होने पर उसे 10 लाख से अधिक रुपये देने के लिए कहा गया था। इसी तरह आरा समेत अन्य शहरों के परीक्षा केंद्रों से गिरफ्तार अभ्यर्थियों को भी किसी दूसरे गैंग ने उत्तर उपलब्ध कराने का झांसा दे रखा था। इन रैकेटों में इस बात की भी आशंका जतायी जा रही है कि इनके संबंध अजय कुमार के सॉल्वर गैंग से हो सकते हैं। इसकी बदौलत ही इन्होंने कई अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का भरोसा दे रखा था। हालांकि इस पूरे मामले की गहराई से तफ्तीश की जा रही है। इसके बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी। तभी पता चल पायेगा कि इन रैकेटों का आपस में कनेक्शन है या नहीं।


 

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