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BSSC पेपर लीक कांडः EoU का दावा, परीक्षा हॉल से लीक हुआ BSSC का पेपर; मोबाइल अंदर कैसे गया ?

प्रश्न-पत्र को मोतिहारी स्थित शांति निकेतन जुबली स्कूल परीक्षा केंद्र से लीक किया गया। गिरफ्तार अजय का इसी परीक्षा केंद्र पर पहली पाली में सेंटर था। वह सेंटर के कर्मियों की मिलीभगत से मोबाइल ले गया।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाSun, 25 Dec 2022 06:54 AM
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बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के स्तर से आयोजित तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारम्भिक परीक्षा के पेपरलीक मामले में ईओयू ने बड़ा खुलासा किया है। दावा किया गया है कि परीक्षा हॉल से प्रश्नपत्र लीक हुआ। परीक्षा केंद्र की पहचान हो गई है। ईओयू अब यह खंगाल रही है कि परीक्षा केंद्र में मोबाइल कैसे गया। कांड कांड के सरगना समेत 5 की गिरफ्तारी कर ली गयी है।  

पेपर लीक कांड का मुख्य अभियुक्त अजय कुमार सुपौल का रहने वाला है। उसे वहां के वार्ड नंबर चार से पकड़ा गया। उसके साथ उसके भाई विजय को भी ईओयू की जांच टीम ने गिरफ्त में लिया है। उसकी निशानदेही पर मोतिहारी, आरा, सुपौल और पटना से चार अन्य आरोपियों को भी उठाया गया है। सभी अभियुक्तों से फिलहाल ईओयू गहन पूछताछ कर रही है। इसमें कई अहम लोगों के नाम सामने आने की संभावना है। इस मामले की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंपने के दूसरे दिन ही यह उपलब्धि हासिल हुई है। 

मोतिहारी के शांति निकेतन से लीक हुआ पेपर

यह भी साफ हो गया है कि इस प्रश्न-पत्र को मोतिहारी स्थित शांति निकेतन जुबली स्कूल परीक्षा केंद्र से लीक किया गया था। गिरफ्तार अजय का इसी परीक्षा केंद्र पर पहली पाली में सेंटर था। वह सेंटर के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से मोबाइल लेकर अंदर चला गया था। सुबह 10 बजे से परीक्षा शुरू होने के करीब एक-सवा घंटे बाद इसकी फोटो खिंचकर इसने कुछ लोगों को इसे भेज दिया था। इसके बाद इनमें से किसी ने एक छात्र नेता को इसे ट्रांसफर किया था। यहीं यह वायरल हो गया था। फोटो खिंचने के बाद सबसे पहले इस प्रश्न-पत्र को आरा के अलावा कुछ अन्य जिलों के अभियुक्तों को भेजा था। फिलहाल ये सभी फरार चल रहे हैं। इस मामले में ईओयू की टीम ने शनिवार को पटना, आरा, मोतिहारी, सुपौल समेत कुछ अन्य शहरों में दर्जनभर से ज्यादा स्थानों पर देर रात तक सघन छापेमारी की। इसमें कुछ अन्य लोगों के गिरफ्तार होने की आशंका है। 

इन सवालों के जवाब खंगालने में जुटी ईओयू

परीक्षा केंद्र के अंदर अभियुक्त मोबाइल लेकर कैसे चला गया है। इसमें केंद्र के किन शिक्षकों या संबंधित अन्य लोगों की मिलीभगत है, इसकी गहन तफ्तीश चल रही है। जिस व्यक्ति को सबसे पहले प्रश्न-पत्र भेजा गया था, उसने इसके सॉल्व करने का क्या इंतजाम कर रखा था और इसके उत्तर वापस संबंधित परीक्षार्थी तक कैसे पहुंचते। इस रैकेट से किन-किन सेंटरों के कितने परीक्षार्थियों को अनैतिक तरीके से लाभ पहुंचाने की जुगत थी। इन तमाम सवालों के जवाब खंगालने में जांच टीम जुटी हुई है। गिरफ्त में लिए गये सभी आरोपियों से इन सवालों पर पूछताछ चल रही है।

यहां से किये गये ये गिरफ्तार 

इस मामले की पूछताछ के लिए मोतिहारी के शांतिपुरी मोहल्ले में मौजूद शांति निकेतन जुबली स्कूल के शिक्षक सचिन्द्र ज्योति को हिरासत में लिया गया है। वह गायत्री नगर मोहल्ले के रहने वाले हैं। जिस कमरे में वे वीक्षक थे, उसी कमरा से प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका और गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त का सेंटर भी इसी कमरे में था। मोतिहारी में कई स्थानों पर छापेमारी की गयी है। इसके अलावा पटना के खेमनीचक के रहने वाले जीतू पासवान को भी गिरफ्तार किया गया है। जीतू का परीक्षा केंद्र पूर्णिया में था। जीतू के एक हाथ में टेप से सटा तीन इंच लंबा और एक इंच चौड़ा हाईटेक ब्ल्यू-टूथ डिवाइस पुलिस ने बरामद किया है। पूर्णिया सदर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार सरोज ने बताया कि मरंगा थाना में जीतू के खिलाफ ब्राइट कॉरियर स्कूल की प्रिंसिपल रिमा शरण ने मामला दर्ज कराया है। इसे भी ईओयू की जांच टीम ने पूछताछ के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि वह भी इसी गैंग का हिस्सा है। हालांकि पूछताछ पूरी होने के बाद ही जांच टीम किसी ठोस नतीजे पर पहुंचेगी। 

खंगाले जा रहे मोबाइल और लैपटॉप डिवाइस

गिरफ्तार हुए सभी आरोपियों के मोबाइल फोन खंगाले जा रहे हैं। मुख्य अभियुक्त समेत एक अन्य ने अपने मोबाइल को रिसेट कर सभी डिटेल को डिलीट कर दिया है। इसे फिर से रिट्राइव करके सभी डाटा की पड़ताल की जाएगी। इसके लिए साइबर विशेषज्ञों की एक विशेष टीम काम में जुटी हुई है। इनके डाटा रिट्राइव होने से कई अहम बातों के खुलासे होने की संभावना है। 

कई व्हाट्स एप ग्रुप भी रडार पर

प्रश्न-पत्र को कई व्हाट्स-एप ग्रुप में तेजी से वायरल किया गया है और इससे संबंधित कई संवेदनशील मैसेज भी कुछ ग्रुपों में तेजी से वायरल हो रहे हैं। ये सभी ग्रुप ईओयू की रडार पर हैं। इनमें मैसेज करने वाले और इन ग्रुपों के एडमिन पर कार्रवाई हो सकती है या इनसे भी पूछताछ की जा सकती है। इससे जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

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