19 साल में पहली बार बीएसएनएल कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
बीएसएनएल के कर्मचारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं। क्योंकि बीएसएनएल की स्थापना के 19 साल के इतिहास में पहली बार एक माह का वेतन अब तक उन्हें नहीं मिला है। राज्य में पांच हजार बीएसएनएल कर्मचारी वेतन...
बीएसएनएल के कर्मचारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं। क्योंकि बीएसएनएल की स्थापना के 19 साल के इतिहास में पहली बार एक माह का वेतन अब तक उन्हें नहीं मिला है। राज्य में पांच हजार बीएसएनएल कर्मचारी वेतन नहीं मिलने से परेशान हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि दूरसंचार विभाग को एक अक्टूबर 2000 को बीएसएनएल में परिवर्तित किया गया था। उस समय तत्कालीन केन्द्र सरकार के सात मंत्रियों के समूह ने दूरसंचार के कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए तीन सिफारिशों को अनुमोदित किया था। सिफारिशों को कैबिनेट में पास किया गया था। दूरसंचार विभाग के कर्मियों को बीएसएनएल में जाने के लिए तीन आश्वासन दिया गया था। कॉरपोरेशन में जाने के बाद भी उनकी नौकरी की गारंटी केन्द्र सरकार की तर्ज पर ही रहेगी। दूसरा बीएसएनएल वित्तीय रूप से मजबूत रहेगा ताकि कर्मचारियों को कभी भी वेतन से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े और कॉरपोरेशन में जाने के बाद भी केन्द्र सरकार पेंशन सुविधा जारी रखेगी।
दूरसंचार कंपनियों का बैंक पर पांच लाख 76 हजार करोड़ रुपये का है बकाया
दूरसंचार कंपनियों का बैंकों पर पांच लाख 76 हजार करोड़ रुपये का बकाया है। बीएसएनएल को छोड़कर अन्य बड़ी टेलीकॉम कंपनियों के करोड़ों रुपयों का ऋण है। बीएसएनएल केन्द्र सरकार सौ प्रतिशत स्वामित्व वाली कंपनी है। इसके बाद भी बीएसएनएल को अब तक न तो 4जी स्पेक्ट्रम मिला है। व्यापार बढ़ाने के लिए ऋण नहीं मिल रहा है। इसके कारण रेवन्यू में लगातार गिरावट आ रही है। बीएसएनएल पर 13 हजार करोड़ रुपये का बकाया है। इसके कारण फरवरी महीने का वेतन रोक दिया गया है।