मांझी के खिलाफ सड़क पर उतरा ब्राह्मण समाज, फूंका पुतला, कहा- कभी नहीं करेंगे माफ
अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के खिलाफ ब्राह्मण समाज के लोग सड़क पर उतर गए हैं। गया में 'ब्राह्मण एकता जिंदाबाद' के बैनर तले लोगों ने...
अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के खिलाफ ब्राह्मण समाज के लोग सड़क पर उतर गए हैं। गया में 'ब्राह्मण एकता जिंदाबाद' के बैनर तले लोगों ने विष्णुपद मंदिर से आक्रोश मार्च निकाला और मांझी का पुतला फूंका। पंडा समाज ने यहां तक कहा कि जीतनराम मांझी ने न सिर्फ ब्राह्मणों बल्कि सनातन धर्म के विरोध में शर्मनाक बयान दिया है।
मांझी का बयान बर्दाश्त के काबिल नहीं है। हम लोग इसका पुरजोर विरोध करते हैं। इसके साथ ही यह घोषणा करते हैं कि जीतनराम मांझी के मरणोपरांत उनके श्राद्ध से लेकर अन्य किसी भी कार्यक्रम में गया का कोई भी पंडा औार ब्राह्मण समाज शामिल नहीं होगा। इतना ही नहीं, मृत्यु के पश्चात होने वाले पिंडदान कार्यक्रम में भी गया के पंडा शामिल नहीं होंगे।
पंडा समाज ने कहा कि जीतनराम मांझी का बयान बहुत ही निंदनीय है। ब्राह्मण समाज एवं हिंदू धर्म के ऊपर इस तरह की बयानबाजी धार्मिक भावना पर चोट है। उन्हें किसी भी हालत में माफ नहीं किया जा सकता। यह बयान दर्शाता है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। किसी समाज के ऊपर इस तरह की बयानबाजी करना कहीं से भी सही नहीं है। इसके लिए वे माफी मांगें।
मांझी ने पटना में भुइयां समाज के मंच से बोलते वक्त ब्राह्मण समाज के लिए बहुत गलत भाषा का इस्तेमाल किया था। उनके इस बयान का वीडियो रविवार को वायरल हो गया। बयान पर बवाल मचने के बाद मांझी ने यूटर्न लिया और तुरंत माफी मांग ली। बयान के बाद उन्हीं की पार्टी हम में भी खलबली मच गई है। राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बयान जारी कर कहा कि मांझी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उनका यह मतलब नहीं था।
भाजपा ने भी बयान पर कड़ा ऐतराज जताया। कहा कि जीतनराम मांझी सठिया गए हैं। वे इस बयान को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। जदयू ने भी बयान को दुखद बताया है। कहा कि यह दुखद बयान है। किसी समाज को इस तरफ से आहत नहीं किया जा सकता है। यह गलत है।