मांझी के घर के सामने ब्राह्मण भोज, सत्यनारायण की पूजा के साथ बीच सड़क खाया दही-चूड़ा
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भले ही अपने बयान को लेकर स्पष्टीकरण दे दिया है लेकिन ब्राह्मण समाज की तरफ से विरोध जारी है। गुरुवार को बयान से आहत ब्राह्मण समाज के लोग पटना स्थित उनके...
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भले ही अपने बयान को लेकर स्पष्टीकरण दे दिया है लेकिन ब्राह्मण समाज की तरफ से विरोध जारी है। गुरुवार को बयान से आहत ब्राह्मण समाज के लोग पटना स्थित उनके आवास का शुद्धिकरण करने पहुंच गए। घर के अंदर जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया। इसके बाद ब्राह्मणों ने उनके आवास के बाहर ही बैठकर सत्यनारायण भगवान की पूजा की। साथ ही बीच सड़क पर दही-चूड़ा का भोज किया।
श्रीराम सेना संगठन के अध्यक्ष यशराज सिंह ने बताया कि जीतन राम मांझी जाति के नाम पर तोड़ने का बयान देते हैं। इसलिए हम सभी आज उनके आवास पर पूजा कराने और साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण करने आए थे, लेकिन हमें बाहर ही रोक दिया गया। इसलिए हम लोगों ने बाहर ही पूजा करने के बाद सब ने साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया।
ब्राह्मण समाज के लोगों ने बुधवार को जीतन राम मांझी के आवास के बाहर शुद्धिकरण कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई थी। सचिवालय थाने की पुलिस के साथ-साथ विशेष बटालियन को भी तैनात किया गया था।
सुबह से HAM (हिंदुस्तान आवाम मोर्चा) के कार्यकर्ता भी जीतन राम मांझी के आवास के बाहर उनके पक्ष में प्रदर्शन कर रहे थे। सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा ने कहा कि किसी को कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए पुलिस तैनात है।
हम के प्रवक्ता अमरेन्द्र तिवारी ने कहा है, 'ब्राह्मणों पर मांझी ने कोई टिप्पणी नहीं की है। उन पंडितों के बारे में बयान दिया है, जिन्हें कोई ज्ञान नहीं है और पूजा कराते चलते हैं। मैं भी एक ब्राह्मण हूं और इस तरह की ओछी राजनीति से किसी का हित नहीं होने वाला है।
'एक बार नहीं हजार बार कहूंगा अपशब्द': मांझी
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख जीतन राम मांझी ने ब्राह्मणों पर एक बार फिर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, 'जिनके लिए मैंने वो बात कही थी, उस पर कायम हूं और एक बार नहीं हजार बार उन्हें वह अपशब्द बोलूंगा। हमने पंडित या ब्राह्मण समाज के ऊपर कोई टिप्पणी नहीं की थी। हमने तो वैसे लोगों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है, जो गलत ढंग से पूजा-पाठ कराने आते हैं। ऐसे लोगों के लिए एक बार क्या, हजार बार उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करूंगा।