बिहार दारोगा बहाली: 6.60 लाख अभ्यर्थी आज देंगे परीक्षा, पहली बार एआई से होगी निगरानी
बिहार पुलिस एसआई भर्ती की परीक्षा रविवार को आयोजित होगी। 613 केंद्रों पर 6.60 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए बीपीएसएससी ने कड़े इंतजाम किए हैं।
BPSSC Bihar SI Exam: बिहार अवर लोक सेवा आयोग (बीपीएसएससी) की ओर से दारोगा बहाली यानी एसआई भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को आयोजित की जाएगी। दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा में कुल 6.60 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। 1275 पदों पर होने वाली इस परीक्षा के लिए राज्यभर में 613 केंद्र बनाए गए हैं। खास बात ये है कि पहली बार परीक्षा में नकल को रोकने के लिए बीपीएसएससी द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, जिनसे टाइट मॉनिटरिंग की जाएगी।
दारोगा भर्ती परीक्षा की हर पाली दो घंटे की होगी। पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 बजे और दूसरी पाली की दोपहर 2:30 बजे से शुरू होगी। कदाचार मुक्त परीक्षा की निगरानी के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रयोग किया जा रहा है। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (बीपीपीएससी) के अध्यक्ष केएस द्विवेदी ने शनिवार को प्रेसवार्ता में दावा किया कि प्रश्नपत्र लीक होने की कहीं से कोई गुंजाइश नहीं है। प्रश्नपत्रों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सभी जिला प्रशासन को सौंपी गई है। सभी परीक्षा केंद्रों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए 16 हजार 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हर प्रश्नपत्र के प्रत्येक पृष्ठ पर यूनिक कोड दर्ज किया गया है। अगर कहीं कोई प्रश्नपत्र वायरल होता है तो कुछ समय में पता चल जाएगा कि किस परीक्षा केंद्र पर ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर सभी अभ्यर्थियों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। साथ ही बायोमेट्रिक फ्रिंगर प्रिंट और एडमिट कार्ड के साथ फोटो भी लिया जाएगा।
दो माह में आएगा रिजल्ट
प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट दो महीने में आ जाएगा। निर्धारित सीट से 20 गुणा अधिक अभ्यर्थियों का चयन पहले चरण में होगा। इसके बाद मुख्य और फिजिकल परीक्षा के बाद अंतिम रूप से अभ्यर्थियों का चयन होगा।
एआई से निगरानी का मतलब
इस बार कदाचार रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग किया जा रहा है। अध्यक्ष ने बताया कि एआई की मदद से यह पता चल जाएगा कि नाम-पता या पहचान बदलकर कोई ऐसा अभ्यर्थी तो फिर से परीक्षा नहीं दे रहा है, जिसे पिछली परीक्षा में किसी तरह का कदाचार करते पकड़ जा चुका था। ऐसे अभ्यर्थियों को तीन साल के लिए आयोग की तरफ से आयोजित सभी परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर दिया जाता है। एआई की मदद से दोबारा परीक्षा देने वालों को पकड़ा जाएगा।
ऑनलाइन परीक्षा कराने का देंगे प्रस्ताव
बीपीएसएससी के अध्यक्ष ने कहा कि प्रतियोगिता प्रवेश परीक्षा में ओएमआर सीट पर परीक्षा लेने की परंपरा समाप्त होनी चाहिए। सभी परीक्षाएं ऑनलाइन ही होनी चाहिए। इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द ही वह सरकार को भेजेंगे। अब इस पर अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। ऑनलाइन तरीके से परीक्षाओं को आयोजित कराने पर विचार किया जा रहा है।