चीन से खूनी झड़प में शहीद भाई सुनील कुमार के भाई ने कहा- चीन को सबक सिखाने की जरूरत
भारत-चीन सैनिक के बीच हुई खूनी संघर्ष की खबर अखबार और टीवी के जरिये प्रीति देवी और उनके बच्चों को मंगलवार को ही प्राप्त हो गई थी। जब प्रीति के भैंसुर(जेठ) अनिल कुमार अपने भाई सुनील कुमार की शहादत की...
भारत-चीन सैनिक के बीच हुई खूनी संघर्ष की खबर अखबार और टीवी के जरिये प्रीति देवी और उनके बच्चों को मंगलवार को ही प्राप्त हो गई थी। जब प्रीति के भैंसुर(जेठ) अनिल कुमार अपने भाई सुनील कुमार की शहादत की खबर लेकर दानापुर के मैनपुरा स्थित घर पहुंचे तो अनिल को देखकर सुनील की 13 वर्षीय पुत्री सोनाली कुमारी, 11 वर्षीय पुत्र आयुष और 5 वर्षीय पुत्र विराट बड़े पापा को देखकर हर दिन तरह खुशी से पास पहुंचा। अनिल की चुप्पी को देख तीनों मासूम बच्चे चुप्पी को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। तभी कमरे में पहुंची प्रीति उनके चेहरे को देख भांप गई। इधर प्रीति को देखकर अनिल की डबडबायी आंखों से आंसू की बूंदें टपकने लगी। देखते ही देखकर घर में कोहराम मच गया।
अनिल ने बताया कि भाई छह महीना पहले छुट्टी पर आया था। बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए मैनपुरा में घर बनवाया। तीनों बच्चे आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं। पैतृक घर बिहटा के तारानगर सिकड़ी है। जहां पिताजी वासुदेव साव, मां रुक्मिणी देवी और हम अपने परिवार के साथ रहते हैं। शहादत की खबर सुनकर तारानगर में घर पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी हुई है। वृद्ध माता-पिता घर के बाहर गहरे सदमे में हैं। अनिल ने बताया कि इस शहादत का बदला चीन से लेने की जरूरत है। चीनी सेना ने विश्वासघात किया है और उसको सबक सिखाने की जरूरत है।
सैन्य अधिकारी कुछ कहने को तैयार नहीं
गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी संघर्ष में बिहार के पांच लाल के शहीद होने की खबर है। जबकि खूनी संघर्ष में बीआरसी के 16 बटालियन को ज्यादा क्षति पहुंची है। अब तक सामने आ रही आंकड़ों के अनुसार 16 बटालियन के 12 जवान शहीद हुए हैं,जिसमें पांच जवान बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। शहादत को प्राप्त करने वाले सैनिकों में पटना जिले के बिहटा के तारानगर सिगड़ी निवासी हवलदार सुनील कुमार, भोजपुर के चंदन कुमार, सहरसा के कुंदन कुमार, समस्तीपुर के अमन कुमार और वैशाली के सिपाही जय किशोर सिंह है। बीआरसी के अधिकारी इस संदर्भ में कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों की मानें की तो शहीदों की संख्या और बढ़ सकती है। बताया जा रहा है कि कुछ सैनिक गंभीर रूप से जख्मी हैं तो कुछ लापता हैं। जिसकी खोजबीन की जा रही है।