बिहार बंद में राजद ने दिखाई दबंगई व गुंडागर्दी की राजनीति: भाजपा
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर राजद की ओर से बुलाए गए बिहार बंद को भाजपा ने विफल बताया। साथ ही कहा कि बंदी के नाम पर राजद और कांग्रेस ने सूबे में हिंसा व आगजनी की। लोगों को राजद का शासनकाल...
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर राजद की ओर से बुलाए गए बिहार बंद को भाजपा ने विफल बताया। साथ ही कहा कि बंदी के नाम पर राजद और कांग्रेस ने सूबे में हिंसा व आगजनी की। लोगों को राजद का शासनकाल याद आ गया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार बंद के दौरान 1990 के दशक वाली राजद की राजनीतिक परंपरा व संस्कृति दुहराई गई। राजद के बिहार बंद को जनसमर्थन नहीं मिला। बंद के दौरान हुई हिंसा निंदनीय है। पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार- मारपीट की गई। कैमरे तोड़े गए। राजद का चाल, चरित्र और चेहरा यही रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि बिहार बंद कर राजद ने एक बार फिर अपना चरित्र दिखा दिया है। बंद के नाम पर मारपीट की गई। सीएए विरोध के नाम पर जिस तरह से तोड़फोड़ की गई, लोकतांत्रिक देश में यह शर्मनाक है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद डॉ सीपी ठाकुर व श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार बंद में कांग्रेस व राजद कार्यकर्ताओं ने दहशत फैलाकर रखा।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राजद-कांग्रेस का बिहार बंद जनभावनाओं को भड़काने वाला है। विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के उपमुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार बंद के दौरान राजद ने अपने शासनकाल की यादें ताजा कर दी।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने कहा कि राजद का बिहार बंद गुंडागर्दी और आतंक का पर्याय बना। आम जनता और मीडिया को निशाना बनाना घोर निंदनीय है। राजद- कांग्रेस की इस गुंडागर्दी वाली राजनीति की भाजपा भर्त्सना करती है।
जदयू ने राजद के बंद को असफल बताया
जदयू ने शनिवार को राजद के बिहार बंद को असफल करार दिया। जदयू के राष्ट्रीय सचिव रवीन्द्र प्रसाद सिंह, प्रदेश महासचिव चंदन कुमार एवं परमहंस कुमार ने संयुक्त बयान में कहा कि आज राजद का बिहार बंद बुरी तरह विफल रहा। बिहार बंद में आमलोगों की भगीदारी नहीं थी। परंतु बंदी की आड़ में राजद कार्यकर्ताओं द्वारा बिहार में जो तांडव मचाया गया उससे एक बार फिर राजद ने बिहार के आमजनों को 15 वर्ष पूर्व के अपने शासन की याद कर दी।