Bihar Weather Today: बिहार में सर्दी का सितम शुरू, 23 जिलों का लुढ़का पारा, किशनगंज सबसे ठंडा
राज्य में अब ठंड अपना सितम दिखाने लगी है। गुरूवार को 23 जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। किशनगंज 5.5 डिग्री के साथ सबसे ठंडा जिला रहा। हालांकि मौसम में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।
पटना सहित प्रदेश के 23 शहरों में न्यूनतम तापमान में आंशिक गिरावट आई है। पछुआ शुष्क हवाओं के प्रभाव में आंशिक बढ़ोतरी से तापमान में यह कमी दर्ज की गई। बुधवार को जहां 7.4 डिग्री के साथ गया राज्य में सबसे ठंडा था वहीं गुरुवार को 5.5 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ किशनगंज में सबसे कम तापमान दर्ज हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अभी ठंड से राहत के आसार नहीं हैं।
मौसमविदों के अनुसार, पछुआ के प्रवाह में तेजी और कमी की स्थिति के अनुसार तापमान में उतार-चढ़ाव की परिस्थितियां बनेंगी। शुक्रवार को राज्य के कई जिलों में न्यूनतम तापमान में आंशिक बढ़ोतरी के आसार हैं। पटना व आसपास इलाकों में सुबह के समय कोहरे का प्रभाव रहेगा। दिन निकलने के बाद धूप खिलने से ठंड का प्रभाव थोड़ा कम होगा। शाम में पछुआ के कारण कनकनी का असर रहेगा। मौसम विज्ञान से प्राप्त आंकड़े के अनुसार प्रदेश के 11 शहरों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे दर्ज किया गया।
24 घंटे तक दक्षिण-पछुआ बहने के बाद हवा ने गुरुवार को फिर अपनी दिशा पछुआ कर ली। हिमालयी क्षेत्र से आ रही ठंड पछुआ हवा ने रात की ओस व सुबह के कोहरे के साथ मिलकर रात में ठंड को बढ़ा दिया। जिसके चलते दिन की धूप के आगे ये पछुआ हवा बेअसर रही और दिन का पारा लुढ़कने के बजाय चढ़ गया। मौसम विभाग के अनुमानों की मानें तो अगले तीन दिनों तक दिन के साथ-साथ रात के तापमान में आधे से लेकर एक डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि होने का अनुमान है।
हालांकि रात में ओस व सुबह के कोहरे के कारण रात व सुबह में गलन बरकरार रहेगा। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि 22 से 27 दिसंबर तक तापमान में कमी बनी रहेगी। दिन में धूप होने से दिन का मौसम शुष्क तो रात में ओस के कारण ठिठुरन बरकरार रहेगी।
वहीं भागलपुर में वायु प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया है। जाड़े का मौसम आने के बावजूद सड़कों पर धूल उड़ रही है। हवा को जहरीला बनाने में ये सबसे बड़े स्रोत हैं। रोज जगह-जगह खुले में कूड़ा जलाने से भी प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। कुछ महीने पूर्व भी शहर की हवा बेहद खराब हो गई थी। इस दौरान एक्यूआई का स्तर 400 से अधिक पर पहुंच गया था। इसके चलते बच्चों-बुजुर्गों को सांस की दिक्कतें हो रही हैं।