जंगल, झरने और रोमांच से भरपूर है बिहार के ये हिल स्टेशन, कम बजट में घूमने के लिए बेस्ट ऑप्शन
बिहार में तीर्थ स्थल लेकर ऐतिहासिक इमारतों ढेर सारे टूरिस्ट स्पॉट हैं। लेकिन इन सब में खास है यहां के हिल स्टेशन। यहां आप कम बजट में ज्यादा घूम सकते हैं।
बिहार में तीर्थ स्थल लेकर ऐतिहासिक इमारतों ढेर सारे टूरिस्ट स्पॉट हैं। लेकिन इन सब में खास है यहां के हिल स्टेशन। यहां आप कम बजट में ज्यादा घूम सकते हैं। पहाड़ों की बारिश हो या बहते झरने, ये दोनों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। अगर आप भी वीकेंड पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो प्रकृति के गोद में बसे इन हिल स्टेशनों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
कैमूर घाटी
बिहार के लोकप्रिय हिल में से एक कैमूर घाटी है। यहां मध्ययुगीन काल की झलक देखने को मिलती है। पहाड़ियों पर ऐतिहासिक मंदिर, किले स्थित हैं। इसके अलावा यहां कई प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बुटियां भी मिलती हैं। प्रकृति प्रेमियों को ये स्थान बेहद पसंद आता है।
मंदार हिल
बांका स्थित मदराचंल पर्वत का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान देवता और राक्षसों ने इसी पर्वत का उपयोग मथनी के तौर पर किया था। जिसके बाद 14 रत्न, अमृत और हलाहल विष निकला था। 700 फीट ऊंचे इस पहाड़ पर जहां हिंदूओं के लिए विष्णु का आश्रय स्थल है तो वहीं जैन धर्म के लिए इस स्थान को भगवान वासुपूज्य से जुड़ा मानते हैं। यहां उनके पदचिह्न हैं।
गुरपा हिल
हिल स्टेशन पर आप शांति के साथ आपको अध्यात्म की भी तलाश कर रहे हैं तो गया स्थित गुरपा हिल जा सकते हैं। इसे कुक्कुटपद गिरी भी कहा जाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त का यहां से नजारा वाकई बेहद खूबसूरत लगता है। यहां के प्राकृतिक नजारे, जंगल, झरने पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। अगर इस हिल स्टेशन के धार्मिक महत्वों की बात करे तो यहां भगवान विष्णु के पद चिह्न देखने को मिलते हैं। इसके अलावा ये स्पॉट बौद्ध धर्म के लिए खास है।
प्रागबोधि हिल
बोधगया से करीब 7 किलोमीटर दूर प्रागबोधि हिल है। यहां शांति और सुकून की एहसास होता है। पहाड़ी की चोटी पर कई स्तूपों के खंडहर हैं। यहां से महाबोधि मंदिर साफ दिखता है। इस स्थान को लेकर ऐसा कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त करने से पहले अपने जीवन के सात साल इसी स्थान पर बिताए थे।