पशुपति पारस को हराने वाले RJD के पूर्व विधायक चंदन राम मुखिया का चुनाव हारे, उनके ही प्रतिनिधि ने हराया
बिहार के पंचायत चुनाव में ज्यादातर स्थानों पर नए चेहरों को लोगों ने मौका दिया है। कई स्थानों पर उलटफेर देखने को मिला है। ऐसा ही उलटफेर खगड़िया में हुआ है। यहां अलौली के पूर्व विधायक चंदन कुमार...
बिहार के पंचायत चुनाव में ज्यादातर स्थानों पर नए चेहरों को लोगों ने मौका दिया है। कई स्थानों पर उलटफेर देखने को मिला है। ऐसा ही उलटफेर खगड़िया में हुआ है। यहां अलौली के पूर्व विधायक चंदन कुमार उर्फ चंदन राम मुखिया का चुनाव हार गए हैं। उनको उनके ही प्रतिनिधि ने करीब 1,300 मतों से पराजित कर दिया है। चंदन राम 2015 के विधानसभा चुनाव में RJD के टिकट पर विधायक बने थे। उन्होंने पशुपति कुमार पारस (वर्तमान केंद्रीय मंत्री) को पराजित कर चर्चा बटोरी थी।
चंदन राम अपने पैतृक पंचायत तेताराबाद से इस बार मुखिया पद से अपनी किस्मत आजमा रहे थे। पंचायत चुनाव में पूर्व विधायक के चुनावी रण में उतरते ही उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी, लेकिन वह 500 का भी आंकड़ा पार नहीं कर पाए। उनको उनके ही पूर्व प्रतिनिधि नंदकेश कुमार उर्फ मुन्ना प्रताप ने पराजित कर दिया।
मुखिया का चुनाव हारने के बाद पूर्व विधायक ने इसे जनता का फैसला बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वमान्य होता है। जनता ने समर्थन नहीं दिया। इसके कारण हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, विधायक के बाद मुखिया चुनाव लड़ने और उसमें मिली हार के कारणों के बारे में वह कुछ भी बोलने से बचते दिखे।
भाई भी नहीं बन सके जिप सदस्य
पूर्व विधायक के भाई पिंटू राम भी जिप क्षेत्र संख्या-4 से अपना भाग्य आजमा रहे थे, लेकिन इस बार उनको भी जनता ने नकार दिया। यह उनकी सीटिंग सीट थी।
नियोजित शिक्षक से राजनीति में उतरे थे
2015 के विधानसभा में लालू यादव ने अलौली विधानसभा के नियोजित शिक्षक चंदन राम को खड़ा किया था। उनके सामने पशुपति कुमार चुनावी मैदान में थे। उस समय पारस अलौली सीट से विधायक भी थे। RJD की लहर में चंदन राम ने पशुपति पारस को करीब 27 हजार वोटों से पराजित कर दिया था।