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छोटी-मोटी गलती पर थानेदार को सस्पेंड करना बंद करें: सारे SP से बोले DGP आरएस भट्टी

बिहार के नए डीजीपी आरएस भट्टी ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश देते हुए कहा है कि थानेदारों के साथ समन्वय स्थापित कर काम करें और छोटी-छोटी गलतियों पर उन्हें निलंबित करना बंद करें।

Malay Ojha हिन्दुस्तान, पटनाWed, 21 Dec 2022 05:35 PM
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बिहार के नये डीजीपी आरएस भट्टी बुधवार को जिला से लेकर मुख्यालय स्तर तक के अधिकारियों से रूबरू हुए और चाक-चौबंद कानून-व्यवस्था बनाये रखने की हिदायद दी। पद संभालने के बाद अपनी पहली बैठक में उन्होंने सभी एसपी को निर्देश दिया कि अपने-अपने जिले के वैसे थानों को चिन्हित करें, जहां सबसे ज्यादा अपराध होते हैं। इन थानों में सप्ताह में दो या तीन दिन जाकर समीक्षा करें और अपराध नियंत्रण की कारगर रणनीति तैयार करें। जिन थानों में अपराध कम है, वहां भी सप्ताह में एक दिन जाकर थाना स्तर पर समीक्षा अवश्य करें। हर हाल में अपराधियों पर नकेल कसे। डीजीपी जिला, रेंज से लेकर मुख्यालय स्तर के सभी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन घंटे से ज्यादा समय तक समीक्षा की। 

डीजीपी ने करीब 50 मिनट के अपने संबोधन में अपराध नियंत्रण से संबंधित ठोस रणनीति तैयार करने के साथ ही सभी पुलिस कप्तानों को जरूरी निर्देश दिये। कहा कि छोटी-छोटी बातों पर थानेदार समेत अपने अन्य अधीनस्थों को तुरंत निलंबित नहीं करें। उन्हें डांटे और समझाएं। अगर इसके बाद भी वे नहीं सुधरते हैं, तब कार्रवाई करें। क्योंकि कार्रवाई का सीधा असर उनके परिवार पर पड़ता है। अगर कोई भ्रष्टाचार में लिप्त या किसी अपराधी को शह दे रहा है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें। कहा कि वह जल्द राज्य के उन थानों का दौरा करेंगे, जहां अपराध सर्वाधिक है। तब संबंधित थाने से जुड़ी तमाम बातों को भी देखेंगे। 

डीजीपी ने अधिकारियों को गुरुमंत्र भी दिया। कहा कि अपराधियों को दौड़ाते रहें, तभी अपराध कम होगा। नहीं तो वे पुलिस को दौड़ाएंगे। खाली बैठा अपराधी खुराफात करेगा। तय आपको (पुलिस वालों) करना है कि दौड़ाना है या पीछे दौड़ना है। कहा कि वह मानने को तैयार नहीं हैं कि पुलिस वाले अपराधी को दौड़ा नहीं सकते हैं। सभी एसपी को लंबित मामलों के अनुसंधान में तेजी लाने का निर्देश दिया। कहा कि अगर किसी एफआईआर में कोई फर्जी नाम जोड़ दिया गया है, तो उसे बिना जांच-पड़ताल किये सिर्फ ट्रू (सही) नहीं कर दें। निर्दोष के नाम को हटाना ही वरीय पदाधिकारियों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि पुलिस वालों को संतुलित होकर चलने की आवश्यकता है। किसी धरना-प्रदर्शन या पर्व-त्योहारों के मौके पर इस बात को लेकर बेहद चौकस रहने की जरूरत है कि शांति व्यवस्था भंग करने की फिराक में कौन है। ऐसे लोगों पर तुरंत कार्रवाई करें। 

समन्वय के साथ काम करें सभी कर्मी 
उन्होंने सभी स्तर के पुलिस कर्मियों को आपसी समन्वय के साथ काम करने को कहा। एसपी छोटी-छोटी बातों के लिए सीधे मुख्यालय से संपर्क नहीं करें। अपने रेंज आईजी और डीआईजी के पास पहले जायें। अगर किसी तरह की निजी शिकायत हो, तो वे कभी भी मुख्यालय आ सकते हैं। थानेदारों को कहा कि दारोगा और जमादार पर काम का बोझ थोक रूप से नहीं लादें। उन्होंने पुलिसकर्मियों की नियमित ट्रेनिंग कराने पर भी जोर दिया। कहा, इसके लिए मास्टर ट्रेनर भी बुलाये जायें। 

जैसी-तैसी वर्दी न पहनें
डीजीपी ने पूरी सख्ती से कहा कि सभी पुलिस वाले वर्दी पर खासतौर से ध्यान दें। जैसी-तैसी वर्दी पहनकर ड्यूटी नहीं करें। इशारों में कहा कि मुख्यालय में तैनात कुछ कर्मी भी सही से वर्दी नहीं पहनते हैं। ऐसे कर्मियों को वे लंच में वर्दी पहनना बतायेंगे।  

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