बिहार नगर निकाय चुनाव में नोटा को टाटा, मतदाता को किसी कैंडिडेट को देना ही होगा वोट
नगर निकाय के चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतदान के लिए मतदाताओं को नोटा का कोई विकल्प नहीं मिलेगा। मतदान केंद्र पर अगर वोट डालने जाते हैं तो आपको किसी न किसी को अपना मतदान करना ही होगा।
बिहार में होने जा रहे नगर निकाय के चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतदान के लिए मतदाताओं को नोटा का कोई विकल्प नहीं मिलेगा। मतदान केंद्र पर अगर वोट डालने जाते हैं तो आपको किसी न किसी को अपना मतदान करना ही होगा। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार नगर निकाय चुनाव में ईवीएम मशीन M2 का प्रयोग किया जा रहा है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बावत गाइडलाइन जारी किया है। इसके साथ ही कहा गया है कि नगर निकाय चुनाव में राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह और नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। नगर निकाय के मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद व पार्षद के लिए अलग-अलग ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा। एक मतदान दल में पीठासीन पदाधिकारी तथा मतदान अधिकारी समेत छह सदस्य होंगे। मतदान केंद्र के बाहर पीठासीन पदाधिकारी मतदान केंद्र के नाम, मतदान केंद्र संख्या तथा मतदान केंद्र से संबंधित मतदाता सूची निर्वाचन करने वाले प्रत्याशी व आवंटित निर्वाचक प्रतीक की सूची प्रर्दशित करेंगे।
गौरतलब है कि विधानसभा या लोकसभा निर्वाचन के लिए हुए मतदान में ईवीएम में प्रत्याशी के नाम के सामने चुनाव चिन्ह होता है, जहां मतदाता बटन दबाते हैं। इसमें एक नोटा का बटन भी रहता है। इसका उपयोग वैसे मतदाता करते हैं, जिन्हें कोई प्रत्याशी पसंद न हो। लेकिन नगर चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा लगाई जाने वाली ईवीएम में नोटा नहीं होगा। ईवीएम में सिर्फ प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिन्ह रहेगा। इससे मतदाता जो वोट देने आएंगे, वे किसी न किसी उम्मीदवार के नाम के आगे बटन दबाकर वोट देंगे।
यद्यपि अभी प्रशासन की ओर से जिले में मतदाता जागरूकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है। इसके चलते अब भी मतदाताओं के बीच ईवीएम से मतदान करने को लेकर कई तरह का भ्रम है। कई लोग यह सोच रहे थे कि ईवीएम में नोटा का भी बटन होगा। लेकिन निर्वाचन आयोग ने यह सुविधा इस बार ईवीएम में मतदाताओं के लिए नहीं दी है।