बिहार नगर निकाय चुनाव 2022: अगर दोबारा वोट डालने की कोशिश की, तो पकड़ लेगा ये एप
बिहार नगर निकाय चुनाव मे एक मतदाता एक बार ही वोट डाल पाएगा। अगर वो दोबारा वोट डालने का प्रयास करेगा तो फेस रिकोग्नाइज सिस्टम के जरिए उसकी पहचान हो जाएगी। मतदान केंद्रों पर FRS कर्मियों की तैनाती होगी।
बिहार नगर निकाय चुनाव में इस बार बेहद ही खास तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे एक वोटर एक बार ही वोट डाल पाएगा। अगर वो दोबारा वोट डालने का प्रयास करेगा तो फेस रिकोग्नाइज सिस्टम के जरिए उसकी पहचान हो जाएगी। इसके लिए सभी मतदान केंद्रों पर एफआरएस कर्मी की तैनाती की जा रही है। वोट डालने के बाद मतदाता का फोटो सभी मतदान केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों के पास सर्कुलेट हो जाएगा, जो इस नेटवर्क से जुड़े रहेंगे।
दोबारा वोट डाला तो पकड़ लेगा एप
अगर कोई मतदाता दोबारा वोट डालने पहुंचता है तो उसका फोटो मोबाइल एप से पकड़ में आ जाएगी। एफआरएस को लेकर बुधवार को अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें इस सिस्टम के संचालन और व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई। इसे लेकर 16 दिसंबर को 776 कर्मचारियों की बैठक होनी है ताकि वे इस ऐप के जरिये दोबारा मतदान करने वालों की पहचान कर सकें। तकनीकी अधिकारियों का कहना है कि चूंकि इसका इस्तेमाल नगर निकाय चुनाव में पहली बार किया जा रहा है इसलिए इसके सभी तकनीकी पहलुओं पर बारीकी से चर्चा की जा रही है। पिछले पंचायत चुनाव में कई मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक मशीन दगा दे दी थी, जिसके कारण दोहरे मतदाताओं को ऐसे मतदान केंद्रों पर पहचान करना मुश्किल हो गया था। हालांकि जहां बायोमीट्रिक मशीन काम नहीं की, वहां मतदान को रोका नहीं गया था। अपना पहचान पत्र दिखाकर वोट डाले गए लेकिन इस बार बायोमीट्रिक मशीन को हटा दिया गया है। इसकी जगह एफआरएस को लाया जा रहा है। इससे दोबारा वोट डालने वाले मतदाता आसानी से पकड़े जाएंगे।
18 दिसंबर को पहले चरण का मतदान
आपको बता दें कि पहले चरण में 18 दिसंबर को पटना जिले में 10 नगर परिषद और दो नगर पंचायत में चुनाव होगा। पहले चरण में पटना जिले के 776 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे। इसमें 42 ऐसे मतदान केंद्र चयनित किए गए हैं जहां लाइव वेबकास्टिंग होगी। यहां के मतदान केंद्रों की व्यवस्था को सीधे तौर पर प्रसारित किया जाएगा। इससे इन बूथों पर जिला स्तरीय अधिकारी नजर रख सकेंगे। पटना जिले में 151 चलंत मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें पहले चरण में 75 ऐसे केंद्र शामिल किए गए हैं।