बिहार मन से गरीब नहीं, खिदमत में रहेंगे मुस्तैद : CM नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पटना साहिब के साथ ही राजगीर में भी हर साल प्रकाश गुरुपर्व का आयोजन होता रहेगा। गुरुगोविंद सिंह जी महाराज का प्रकाशपर्व पटना साहिब में तो गुरुनानक देव जी महाराज का...
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पटना साहिब के साथ ही राजगीर में भी हर साल प्रकाश गुरुपर्व का आयोजन होता रहेगा। गुरुगोविंद सिंह जी महाराज का प्रकाशपर्व पटना साहिब में तो गुरुनानक देव जी महाराज का राजगीर में मनेगा। इन दोनों आयोजनों में राज्य सरकार हरसंभव सहयोग करेगी। उन्होंने सिख श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि आपलोग इसी तरह बड़ी संख्या में इन आयोजनों में आते रहें। बिहार गरीब राज्य है, पर मन से गरीब नहीं हैं। आपलोगों की खिदमत में हमलोग मुस्तैद रहेंगे।
मुख्यमंत्री गुरुवार को पटना साहिब श्री तख्त हरिमंदिर परिसर में गुरुगोविंद सिंह जी महाराज के 353 वें प्रकाश गुरुपर्व के मौके पर सिख श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म इसी धरती पर हुआ था। इसलिए हम सभी का यह कर्तव्य है कि सिख श्रद्धालुओं की सेवा करें। मुख्यमंत्री ने वाहे गुरुजी की खालसा-वाहे गुरु जी की फतेह से अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि राजगीर में गुरुनानक देव जी महाराज का 550 वां प्रकाशपर्व 27 से 29 दिसंबर तक 2019 में मनाया गया, जिसमें देश और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लिए। पटना के बाद गुरुनानक देव जी गया, नवादा होते हुए होली के समय राजगीर पहुंचे थे। स्थानीय लोगों के अनुरोध पर उनके चरण स्पर्श मात्र से गर्म कुंड का पानी शीतल हो गया और तब से यह शीतल कुंड में तब्दील हो गया। राजगीर में शीतल कुंड के पास भव्य गुरुद्वारा बन रहा है। आपलोग वहां भी जरूर जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां कई गुरुद्वारे हैं, जिनकी अपनी-अपनी विशेषता है। गायघाट की भी अपनी अलग महत्ता है। बाल लीला गुरुद्वारा भी विषष्टि है। गुरुद्वारा गुरु का बाग की भी अपनी खासियत है जहां गुरुगोविंद सिंह जी की पहली मुलाकात उनके पिता गुरु तेग बहादुर जी से हुई थी। यह जगह सूखा था लेकिन गुरु तेग बहादुर जी के आने के बाद यह बाग हरा भरा हो गया। कंगन घाट के भी गुरुद्वारा में गुरु गोविंद सिंह जी जाते थे। वहां भी नया गुरुद्वारा बनाया गया है, जिसके नए भवन का उद्घाटन 30 दिसंबर 2019 को हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों जगहों के गुरु प्रकाशपर्व का समय आस-पास रहेगा तो श्रद्धालु दोनों जगहों पर आसानी से आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रकाशपर्व के दौरान पटना साहिब तक ट्रेन सेवा बढ़ाने के लिए वे केंद्र सरकार से बात करेंगे। इस बार पांच हजार क्षमता का टेंट सिटी बनाया गया है, पर सात हजार श्रद्धालु आये हैं, यह खुशी की बात है। ऐसी व्यवस्था विकसित की जा रही है कि बाद में टेंट सिटी की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान चल रहा है। इस मौके पर वाहे गुरुजी से हमलोग आशीर्वाद मांगते हैं कि इस अभियान के प्रति सभी लोग सजग हों। यह अभियान सफल हो और आने वाली पीढ़ी को हमलोग बेहतर पर्यावरण दे सकें।
गुरुगोविंद सिंह से जुड़ी जानकारी बिहार संग्रहालय में
सिखों के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह जी महाराज से जुड़ी जानकारियां बिहार संग्रहालय में रखी जाएंगी। ताकि वहां आने वाले लोग उसे देख और समझ सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपलोग आज इस कार्यक्रम में मुझे जो भी सम्मान स्वरूप दिए हैं, या पहले भी जो कुछ दिए हैं, उन सभी को भी बिहार संग्रहालय में रखा जाएगा। यह देश का पहला अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय है। यहां आने वाले इस संग्रहालय की चर्चा देश के बाहर करते हैं। आपलोग इसे भी जरूर देखें। इसके पहले मुख्यमंत्री ने तख्त श्रीहरिमंदिर में मत्था टेका। तख्त श्रीहरिमंदिर के कैलेण्डर का भी विमोचन किया। फिर कंगन घाट टेंट सिटी में जाकर लंगर में श्रद्धालुओं को लंगर परोसा। खुद भी लंगर छका।
सरदार नीतीश कुमार संबोधित किया
प्रकाशपर्व में जत्थेदारों और संबंधित कमिटी के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को सरदार नीतीश कुमार कह कर संबोधित किया। कई सालों से प्रकाशपर्व के बेहतरीन आयोजनों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। साथ ही तलवार, ढाल, सरोपा आदि प्रतीक चह्नि भेंट किया। मौके पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, सांसद बलबिंदर सिंह पुंद्र, सांसद प्रेम सिंह चंदु महाराज, शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी दिल्ली की अध्यक्ष बीबी रंजीत कौर, तख्त श्रीहरिमंदिर जी प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह जी हित और बाबा बलवीर सिंह ने भी अपनी बात कही।