मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर चलने लगी ट्रेनें, 3 दिनों से रेलखंड पर ठप था ट्रेनों का परिचालन
बिहार में पूर्व-मध्य रेल के समस्तीपुर रेल मंडल के मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेल खंड पर बाढ़ के कारण पिछले तीन दिनों से बंद पड़ी ट्रेन सेवा मंगलवार सुबह से पुन: बहाल कर दी गई है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य...
बिहार में पूर्व-मध्य रेल के समस्तीपुर रेल मंडल के मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेल खंड पर बाढ़ के कारण पिछले तीन दिनों से बंद पड़ी ट्रेन सेवा मंगलवार सुबह से पुन: बहाल कर दी गई है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सह मीडिया प्रभारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि मंडल के सगौली-मझोलिया स्टेशन के बीच बने रेल पुल संख्या-248 पर बाढ़ का पानी आ जाने के कारण पिछले 25 जुलाई को इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस रेल पुल पर बाढ़ के पानी का दबाव कम हो जाने के बाद मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर आज सुबह से गाड़ियों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। चंद्र ने बताया कि 09040 बान्द्रा स्पेशल एवं 02557 सप्तक्रांति ट्रेन समेत इस रूट पर चलने वाली अन्य ट्रेनें अपने निर्धारित मार्ग मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज एवं गोरखपुर होकर चलेगी।
मुजफ्फरपुर में रिंग बांध टूटा, मोतिहारी में एनएच क्षतिग्रस्त
उत्तर बिहार में बाढ़ से तबाही अब भी घटी नहीं है। सोमवार को मुजफ्फरपुर के बंदरा प्रखंड में बूढ़ी गंडक नदी का रिंग बांध करीब 150 फीट में बह गया। इससे सैकड़ों परिवार बांध पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं, जबकि मुशहरी, बंदरा व मुरौल के करीब दो सौ लोग बाढ़ के पानी में घिर गए। वहीं मोतिहारी में बाढ़ से एनएच 28 में जबरदस्त कटाव हुआ है जिस कारण 29 जुलाई तक जिला प्रशासन ने सामान्य यातायात को बंद कर दिया है। चंपारण व दरभंगा के बाढ़ पीड़ितों के बीच सोमवार को भी एयर ड्रॉपिंग से सूखे भोजन के पैकेट पहुंचाये गये।
दरभंगा के नये इलाकों में फैल रहा कमला व जीवछ का पानी :
दरभंगा में कमला व जीवछ नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ ही नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। केवटी व हनुमान नगर प्रखंड में बाढ़ की स्थिति पिछले दो दिनों में और गंभीर हुई है। जबकि दरभंगा जयनगर एनएच 527 बी व दरभंगा समस्तीपुर एनएच पर भी बाढ़ का पानी चढ़ा हुआ है। हालांकि यहां आवागमन को अभी रोका नहीं गया है। हेलीकॉप्टर से जिले के हनुमाननगर, किरतपुर, सिंहवाड़ा व कुशेश्वर स्थान में सूखा राशन गिराया गया है। सीतामढ़ी में बागमती अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां अधवारा समूह की नदी का जलस्तर भी सुंदरपुर व पुपरी में खतरे के निशान से ऊपर है। बड़ी संख्या में लोग ऊंचे स्थलों पर आ गये है।