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कौमी एकता की मिसाल; मगध, शाहाबाद और सारण के सात जिलों में 85 हिन्दू परिवार बनाते हैं ताजिया

दो-तीन माह पहले से ताजिया बनाने का काम शुरू कर देते हैं। कैमूर के भगवानपुर प्रखंड के बसंतपुर गांव में इमाम चौक पर हिन्दू परिवार की ओर से बैठाया गया ताजिया से मुसलमान मुहर्रम मनाते हैं।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटनाThu, 18 July 2024 06:09 PM
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कई जिलों से मुहर्रम जुलूस में हिंसक झड़पों की खबरें आ रही हैं। इस बीच दिल को सुकून देने वाली यह खबर आपके लिए बिहार में कई हिंदू परिवार मुहर्रम में ताजिया बैठाकर सांप्रादायिक सौहार्द्र का परिचय दे रहे हैं। मगध, शाहाबाद और सारण क्षेत्र के सात जिलों में ऐसे परिवारों की संख्या 85 से ज्यादा है। कई परिवारों में दो से तीन पीढ़ियों से यह परंपरा चली आ रही है। मन्नत पूरी होने के बाद इनके पूर्वजों ने ताजिया बैठाना शुरू किया। आज उनके वंशज यह काम कर रहे हैं। 

ये लोग दो-तीन माह पहले से ताजिया बनाने का काम शुरू कर देते हैं। कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड के बसंतपुर गांव में इमाम चौक पर हिन्दू परिवार की ओर से बैठाया गया ताजिया से मुसलमान मुहर्रम मनाते हैं। गांव के राजवंश जायसवाल व राधेश्याम प्रसाद जायसवाल बताते हैं कि 41 साल पहले उनके दादा भगन साह ने एक फकीर की सलाह पर ताजिया बनाकर उसे बैठाने का काम शुरू किया था। सासाराम के नौहट्टा प्रखंड के धौबीनीया टीकर गांव के शिवदयाल चौहान परिवार की ओर से 75 वर्षों से ताजिया रखा जाता है। औरंगाबाद के मदनपुर प्रखंड के वार गांव में करीब सौ साल से हिन्दू परिवार ताजिया रखते हैं। संतान की मन्नत पूरी होने के बाद यह सिलसिला शुरू हुआ। 

नवादा के कौआकोल प्रखंड के अमरपुर, श्रीलोही तथा मधुरापुर गांव में हिन्दू ताजिया बनाते हैं। अमरपुर के यमुना सिंह ने बताया कि उनके पूर्वजों द्वारा दशकों पूर्व वंश की वृद्धि की मन्नत पूरी होने पर ताजिया बनाया जाता था। श्रीलोही गांव के सहदेव सिंह बताते हैं कि लगभग चार पीढ़ियों से इस परंपरा को वे लोग ढोते चले आ रहे हैं। सारण के एकमा प्रखंड के रसूलपुर चट्टी गांव के 15 परिवारों में तीन पीढ़ियां से ताजिया बन रहा है।

कुंवर सिंह के जमाने से है परंपरा भोजपुर के जगदीशपुर में तीन जगह व सहार प्रखंड में एक जगह हिन्दू परिवार भी वर्षों से ताजिया बनाते आ रहे हैं। शशि कशेरा बताते हैं कि पासी टोला में कुंवर सिंह के जमाने से ताजिया बनाते आ रहे हैं। राम एकबाल मास्टर झंझरिया पोखरा पर ताजिया रखते हैं। मरकट पासी कोतवाली के पास रखते हैं। वहीं, सहार प्रखंड के आबगीला में रिटायर शिक्षक जियुत चौधरी व उनका परिवार सहार में सौ वर्षों से भी अधिक समय से ताजिया बनाता आ रहा है ।

ताजिया जुलूस के 60 लाइसेंस हिन्दू परिवारों के नाम

गया तो भाईचारे के मामले में कई कदम आगे है। जिले के फतेहपुर में 60 परिवार कई पीढ़ी से मुहर्रम मना रहे हैं। यहां कुल 167 जगहों पर ताजिया बैठाया जाता है, जिनमें 60 लाइसेंस हिन्दू परिवारों ने लिया है। प्रखंड के गदहियाटाड़ गांव निवासी रोहन राजवंशी के पुत्र उमेश राजवंशी बताते हैं कि मन्नत पूरी होने के बाद से ताजिया बनाकर बैठा रहे हैं।

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