जनता दरबार में फरियादियों की शिकायत सुन क्यों भड़के नीतीश? DGP व मुख्य सचिव को किया तलब, जानें पूरा मामला
जनता दरबार में एक ही मामले को लेकर फरियादियों के बार-बार आने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी नाराज हुए। उन्होंने मुख्य सचिव व डीजीपी से मामलों के त्वरित निपटारे का आदेश दिया।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सोमवार को जमीन कब्जे से संबंधित कई मामले आए। इस पर सीएम ने अधिकारियों को जांचकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ उन्होंने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी आरएस भट्टी को बुलाकर निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि जो भी फरियादी आते हैं, उनकी समस्याओं का निबटारा हर हाल में हो। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 106 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
बक्सर से आए एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी जमीन पर कोर्ट की डिग्री होने के बाद भी अगल-बगल के लोग जबरदस्ती कब्जा कर रहे हैं, जिससे काफी परेशानी हो रही है। इसकी शिकायत प्रशासन से करने के बाद भी अब तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बक्सर से ही आए एक अन्य फरियादी ने मुख्यमंत्री से कहा कि सरकार द्वारा तीन डिसमिल जमीन उपलब्ध करायी गई थी मगर पड़ोसी ने उस जमीन को लेकर केस कर दिया और मेरी जमीन पर दीवार बनवा दी। इस संबंध में प्रशासन से शिकायत की गई, उसके बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे मुझे काफी परेशानी हो रही है।
अररिया से आए एक फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी जमीन को दबंगों द्वारा अवैध तरीके से कब्जा कर लिया गया है। अपनी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए गुहार लगा रहा हूं लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। अररिया से ही आए एक अन्य फरियादी ने कहा कि अपनी जमीन में ही सोख्ता का निर्माण कर रहा था, लेकिन पड़ोसी ने इसका विरोध कर दिया। थाने में मामला दर्ज कराने गए तो मामला दर्ज नहीं किया गया। वैशाली से आए एक फरियादी ने कहा कि जमीन की दाखिल खारिज करने के लिये अंचलाधिकारी घूस मांगते हैं।
पूर्णिया से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि उनकी पैतृक भूमि में से 25 डिसमिल जमीन को पड़ोसी द्वारा कब्जा कर बेच दिया गया है। इस संबंध में विरोध करने पर आए दिन पड़ोसी मारपीट करते हैं। वहीं मुजफ्फरपुर से ही आए एक अन्य फरियादी ने कहा कि भू-लगान रसीद के लिए पैसे की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पुलिस-प्रशासन के खिलाफ भी आई शिकायतें
जनता दरबार में पुलिस-प्रशासन के खिलाफ कई शिकायतें आईं। बांका जिले से आए एक प्राध्यापक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मैं तिलकामांझी यूनिवर्सिटी में अध्यापन का कार्य कर रहा था, तभी बिहार बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मेरी पिटाई कर दी। बाद में एससी/एसटी एक्ट के तहत केस भी कर दिया। हमने आरोपितों के खिलाफ पहले ही केस दर्ज कराया था मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। शिवहर से आयी एक महिला ने कहा कि मेरे पुत्र की हत्या कर दी गई है। लगातार गुहार लगाने के बाद भी अब तक आरोपित पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। लखीसराय से आए एक युवक ने गुहार लगाते हुए कहा कि वर्ष 2021 में मेरे भाई की हत्या कर दी गई थी लेकिन आज तक अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। मुजफ्फरपुर से आयी एक महिला ने कहा कि उन्हें पुलिस ने फर्जी तरीके से एक मामले में फंसा दिया है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं
नवादा से आए एक फरियादी ने कहा कि नवादा सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं होने से मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। मधेपुरा के फरियादी ने डॉक्टर के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र को बंद करने की शिकायत की। कैमूर के युवक ने कहा कि अंतरजातीय विवाह को सरकार बढ़ावा दे रही है लेकिन अंतरजातीय विवाह करने के बाद मिलने वाले लाभ से वह वंचित है। वहीं कैमूर से ही आए एक अन्य फरियादी ने कहा कि गैरमजरूआ जमीन की जगह रैयत का नाम दर्ज होने से पटवन के पानी को लेकर आए दिन हमलोगों को पटवन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। अरवल से आए एक छात्र ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत उसे राशि उपलब्ध करायी गयी थी मगर जहां नामांकन कराया था उसने फर्जी तरीके से पैसे तो ले लिए मगर नामांकन नहीं किया। अब विभाग पैसा वापसी की मांग कर रहा है तो संस्थान पैसा लौटाने को तैयार नहीं है।