बिहार के पुल-पुलियों की 7 दिनों में होगी जांच, लापरवाही पर नपेंगे इंजीनियर; बोले डिप्टी सीएम विजय सिन्हा
बिहार के पुल-पुलियों की ताजा स्थिति की जांच एक हफ्ते के भीतर करने के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आदेश दिए हैं। निर्माण कार्य में अनियमितता बरतने पर संवेदक के साथ ही इंजीनियरों के खिलाफ एक्शन होगा
राज्य के पुल-पुलियों की वास्तविक स्थिति का आकलन एक सप्ताह के भीतर कर लिया जाएगा। इस आकलन के आधार पर अगर किसी पुल-पुलिया की मरम्मत की आवश्यकता होगी तो वह किया जाएगा। मंगलवार को सूबे के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में इस बाबत आवश्यक निर्देश दिया।
बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, सचिव संदीप कुमार आर पुडकलट्टी, अभियंता प्रमुख सुनील कुमार सिन्हा व इंदु शेखर राय, मुख्य अभियंता मुकेश कुमार, नवाब आलम, बबलू कुमार सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि कहीं भी आवागमन बाधित न हो, यह सुनिश्चित कर लिया जाए। पुल-पुलियों के आकलन में इसका ख्याल रखा जाए कि सड़क व पुलों के निर्माण के समय तकनीकी भार वहन की स्थिति क्या थी और वर्तमान स्थिति क्या है। इसकी समीक्षा कर विभाग के स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाए।
उन्होंने विभागीय अभियंताओं को तकनीकी तौर पर और दक्ष बनाने के लिए आने वाले दिनों में विशेष कार्यशाला आयोजित करने को कहा। उस कार्यशाला में किसी विशेषज्ञ को बुलाने को कहा ताकि इंजीनियर सड़क व पुलों के निर्माण में तकनीकी स्तर पर और सावधानी बरत सकें।
उपमुख्यमंत्री ने विभाग के अधीन चल रही सड़क और पुल परियोजनाओं का निर्माण समय पर करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क व पुलों का निर्माण ससमय गुणवत्तापूर्ण हो, यह जरूरी है। साथ ही इसका बेहतर तरीके से अनुरक्षण भी किया जाए, इस पर भी समुचित ध्यान देने की जरूरत है। निर्माण में निर्धारित अवधि का ख्याल रखा जाए।
अगर निर्माण में किसी प्रकार की अनियमितता बरती गई तो संवेदक के साथ ही इंजीनियरों के खिलाफ भी विभागीय नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने ईपीसी (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन) मोड की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में कुछ सुधार की आवश्यकता है। इसमें आवश्यक सुधार के लिए अविलंब कार्रवाई की जाए।