बिहार में टला बड़ा ट्रेन हादसा, मां कात्यायनी मंदिर से पूजा कर लौट रहे दर्जनों श्रद्धालुओं की ऐसे बची जान
बिहार खगड़िया में बदला-धमारा घाट के बीच बागमती नदी स्थित पुल संख्या 51 पर सोमवार की दोपहर ट्रेन हादसा टल गया। अगर चालक ने इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाया होता तो कितने लोगों की जान जा सकती थी। ट्रेन...
बिहार खगड़िया में बदला-धमारा घाट के बीच बागमती नदी स्थित पुल संख्या 51 पर सोमवार की दोपहर ट्रेन हादसा टल गया। अगर चालक ने इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाया होता तो कितने लोगों की जान जा सकती थी।
ट्रेन परिचालन वाले रेल पुल संख्या 51 को लोगों और वाहन चालकों ने आवाजाही का रास्ता बना लिया है। सोमवार को वेरागन होने के कारण मां कात्यायनी मंदिर से पूजा अर्चना कर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल इस पुल होकर ही चल पड़े। उसमें एक बाइक सवार भी शामिल था। इसी बीच पुल पर सामने ट्रेन आती देख वहां पैदल चल रहे श्रद्धालुओं के बीच अफरातफरी मच गई। रास्ता नहीं होने के कारण सवार बाइक को छोड़कर कूदकर भाग खड़ा हुआ।
इधर राजेन्द्रनगर से मानसी होकर सहरसा की तरफ आ रही इंटरसिटी स्पेशल एक्सप्रेस (03228) के अगले क्रेचर में बाइक जा फंसी। पुल पर भीड़ और बाइक को फंसा देखकर चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया। उसके बाद बाइक नीचे गिरकर पुल के पाये में फंसकर झूलने लगा। इसके मौके से पांच सौ मीटर दूर स्थित फाटक संख्या सात सी के गेटमैन ने रेल अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अगर ट्रेन नहीं रुकती तो कई श्रद्धालु और राहगीर चपेट में आ जाते।
जानकारी पर सहरसा से पहुंची आरपीएफ
जानकारी पर सहरसा से रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) घटनास्थल पर पहुंची। लेकिन दुरूह इलाका रहने के कारण आरपीएफ को सड़क मार्ग से पहुंचने में दो घंटे से अधिक समय लग गया। घटनास्थल पर उन्हें ना कोई बाइक मिली और ना ही कोई प्रत्यक्षदर्शी घटना की वजह बताने को तैयार हुआ। आरपीएफ के उप निरीक्षक विजय कुमार मिश्रा ने जब स्टेशन पर कार्यरत कर्मियों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि एक बाइक के ट्रेन के क्रेचर में फंसने की सूचना है। लेकिन ना तो ट्रेन परिचालन बाधित हुआ है और ना ही रेल को कोई क्षति पहुंची है।