Bihar 12th Result खुलासा: कहीं पार्लर चलाने वाली ने तो कहीं 12वीं के बच्चों ने की कॉपियां चेक
साल 2017 का बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट रिजल्ट जहां पहले से ही रिजल्ट प्रतिशत को लेकर चर्चा में बना हुआ था। अब जबकि ये मामला धीरे-धीरे ठंढा हो रहा था कि उसी बीच एक और बड़ी खबर ने बिहार की शिक्षा...
साल 2017 का बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट रिजल्ट जहां पहले से ही रिजल्ट प्रतिशत को लेकर चर्चा में बना हुआ था। अब जबकि ये मामला धीरे-धीरे ठंढा हो रहा था कि उसी बीच एक और बड़ी खबर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। एक प्राइवेट चैनल के स्टिंग में ये मामला सामने आया कि बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की कॉपियों को जांचने में 11वीं और 12वीं के बच्चे भी शामिल थे। इतना ही नहीं, इसके अलावे एक चौंका देने वाला सच भी सामने आया है। स्टिंग में ललिता चौधरी नाम की एक महिला जो ब्यूटी पार्लर चलाती हैं, उन्होंने ये कबूला कि वो रोज हिंदी की 50 कॉपियां चेक करती थीं।
इसके अलावे और भी कई चौंकाने वाली बात सामने आई है, जिससे पता चलता है कि कैसे बिहार में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। एक कॉलेज के प्रोफेसर ने भी यह कबूला कि वो कॉलेज में फिजिक्स पढ़ाते हैं और उन्होंने 12 दिन में 900 कॉपियां जांच दी। आपको बता दें कि बिहार बोर्ड में इंटरमीडिएट की कॉपी चेकिंग का काम उस वक्त चल रहा था जबकि राज्य के ज्यादातर शिक्षक हड़ताल पर थे। ऐसे में छात्र और अभिभावक पहले भी कॉपी चेकिंग पर सवाल उठा रहे थे। इस स्टिंग के सामने आने के बाद बिहार बोर्ड की तैयारियों को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं।
आपको बता दें बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा मार्च में आयोजित की गई थी जिसका परिणाम 30 मई 2017 को जारी किया गया था। रिजल्ट आने के बाद ओवर ऑल 64 प्रतिशत छात्र फेल हो गए, जिसमें 70 फीसदी साइंस के, 63 प्रतिशत आर्ट्स के और 26 प्रतिशत कॉमर्स के स्टूडेंट शामिल हैं। रिजल्ट आते ही छात्र और अभिभावक सभी परेशान हो गए लेकिन बाद में शिक्षा विभाग का कहना था कि ये कड़ाई से की गई चेकिंग का नतीजा है। लेकिन टीवी चैनल आज तक द्वारा किए गए स्टिंग से जो कुछ सामने आया है वो चौंकाने वाला है।