42 हजार कॉपियां गायब होने के बाद बिहार बोर्ड मैट्रिक नतीजों पर उठ रहे सवाल
रूबी व गणेश की तरह किसे टॉपर बनाना था या फिर किसे साजिश कर फंसा कर जेल भेजवाना था। या फिर और कोई बात है...। शहर के एसएस गर्ल्स प्लस टू से मैट्रिक की 42 हजार से अधिक कॉपियों के गायब हो जाने के...
रूबी व गणेश की तरह किसे टॉपर बनाना था या फिर किसे साजिश कर फंसा कर जेल भेजवाना था। या फिर और कोई बात है...। शहर के एसएस गर्ल्स प्लस टू से मैट्रिक की 42 हजार से अधिक कॉपियों के गायब हो जाने के बाद से ऐसे सवाल एक-दूसरे में चर्चा के विषय बने हुए हैं। कॉपियों के गायब होने के बाद 2016 के टॉपर घोटाले व 2017 में गणेश प्रकरण की याद ताजा हो गई है। लोग कॉपियों के गायब हो जाने से एक बार फिर से टॉपर घोटाले को लेकर आशंकित हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में हुए टॉपर घोटाले में भी कॉपियां गायब होने का मामला सामने आया था। उस समय टॉपरों की कॉपियों का मूल्यांकन दूसरे केन्द्र पर कराकर मनचाहा नंबर दे दिया गया था। ऐसे में लोगों को आशंका है कि इस साल भी टॉपर घोटाले के लिए ही गोपालगंज के एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल से मैट्रिक की कॉपियां गायब की गई हैं। लोग इसमें साजिश की बात भी कर रहे हैं। वहीं, मूल्यांकन केन्द्रों पर व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
वेरिफिकेशन को लेकर उठे सवाल
एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल से मैट्रिक की कॉपियों के गायब होने पर रिजल्ट से पहले वेरिफिकेशन पर भी सवाल खड़ा हो गया है। कॉपियां गायब हो गईं हैं तो फिर वेरिफिकेशन कैसे होगा। उल्लेखनीय है कि वेरिफिकेशन के लिए दो मेधावी छात्रों की तीन कॉपियां नहीं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को नहीं मिल पाई है। इनमें गणित की दो व सामाजिक विज्ञान की एक कॉपी शामिल है। ये तीनों कॉपियां एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल से गायब 42 हजार कॉपियों में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार बोर्ड में मैट्रिक रिजल्ट की मेधा सूची में शामिल मेधावी छात्रों की कॉपियों की दोबारा जांच की जानी थी। इसके लिए बोर्ड ने 67 कर्मचारियों की टीम को 38 जिलों के मूल्यांकन केन्द्र पर 15 जून को भेजा था। इन्हीं कर्मचारियों में से सुजीत कुमार व अन्य एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल पहुंचे थे। उन्होंने प्राचार्य से 12 कॉपियां मांगी थी। लेकिन, प्राचार्य इन 12 कॉपियों में से तीन कॉपियां उपलब्ध नहीं करा पाए।
कर्मचारियों से आग्रह किया कि शेष तीनों उत्तरपुस्तिकाएं खोजवाकर जल्छ ही उपलब्ध करा देंगे। इसके बाद जब प्राचार्य ने अपनी निगरानी में अगले दिन यानी 16 जून को कॉपियों की खोजबीन शुरू की तो इस दौरान यह पता चला कि हिन्दी की 13 बैग, एनएलएच की तीन बैग, उर्दू की एक बैग, अंग्रेजी की 14 बैग, एससी की 115 बैग, मैथ्स की 16 बैग व एसएससी की 50 बैग समेत 213 बैग उत्तरपुस्तिकाएं व एडवांस मैथ्स की 61 व इकोनॉमिक्स की 44 उत्तरपुस्तिकाएं गायब हैं।
प्राचार्य ने इसकी लिखित जानकारी देते हुए नगरा थाने में 17 जून को प्राथमिकी दर्ज कराई। प्राचार्य ने प्राथमिकी में कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि साजिश के तहत आदेशपाल छठू सिंह व रात्रि प्रहरी आसपूजन सिंह ने रात में स्ट्रांग रूम से निकालकर इन कॉपियों को किसी वाहन पर लादकर चोरी की नीयत से गायब कर दिया है। उन्होंने अन्य शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को भी आरोपित करते हुए इन सब से जान-माल के खतरे की आशंका भी जाहिर की थी।
कॉपियों के गायब होने से हड़कंप, प्राचार्य को पटना बुलाया
शहर के एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल से मैट्रिक की कॉपियों के गायब होने के बाद शुरू की गई जांच से शिक्षकों व कर्मियों में हड़कंप है। वहीं, स्कूल के प्राचार्य को पटना बुलाया गया है। मंगलवार को जांच के लिए नगर थाने की पुलिस एसएस गर्ल्स प्लस टू स्कूल पहुंची। पुलिस ने यहां शिक्षकों व कर्मियों से पूछताछ की। कॉपियों के गायब होने के मामले में इनसे कई सवाल किए। कर्मियों ने पुलिस को बताया कि प्राचार्य को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पटना बुलाया है। उधर, शिक्षकों व कर्मियों से पूछताछ के साथ ही स्पेशल टीम आरोपितों को धर-दबोचने के लिए भी छापेमारी करती रही। इसमें पुलिस को कामयाबी भी मिली।