बिहार बंद: फुलवारीशरीफ में हिंसा, 10 को लगी गोली, 20 से अधिक घायल
राजद के बिहार बंद के दौरान शनिवार को फुलवारी शरीफ के टमटम पड़ाव पर दो गुटों के बीच पथराव और गोलियां चलीं। दस लोगों को गोली लगी है और पथराव से दोनों पक्षों के करीब दो दर्जन लोग घायल हैं। आधा दर्जन...
राजद के बिहार बंद के दौरान शनिवार को फुलवारी शरीफ के टमटम पड़ाव पर दो गुटों के बीच पथराव और गोलियां चलीं। दस लोगों को गोली लगी है और पथराव से दोनों पक्षों के करीब दो दर्जन लोग घायल हैं। आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हैं। गोली से घायल हुये लोगों का इलाज एम्स में चल रहा है। एक की हालत नाजुक बतायी जाती है। उपद्रवियों को शांत करने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया। फिर भी भीड़ शांत नहीं हुई तो हवाई फायरिंग करनी पड़ी। करीब ढाई सौ राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे। दरअसल, शहीद चौक से बंद समर्थकों का जुलूस संगतपर इलाके की ओर से होकर फुलवारी ब्लॉक पर जाने के लिये निकला। इसी बीच टमटम पड़ाव और संगतपर के बीच भीड़ में असामाजिक तत्व शामिल हो गये।
विवाद होने की आशंका को लेकर कुछ लोगों ने जुलूस को संगतपर इलाके की ओर जाने से रोक दिया। जिसके बाद विवाद शुरू हुआ। शुरुआत में दो गुटों के बीच जमकर पथराव हुआ। इसी बीच कुछ उपद्रवियों ने एक धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया। जिसके बाद दोनों पक्षों में फायरिंग शुरू हो गई। मौके से 315 बोर के दर्जनों खोखे भी मिले हैं। बवाल के दौरान असमाजिक तत्वों ने एक ऑटो में आग लगा दी जबकि चार पहिया वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया।
एसएसपी डीएम पहुंचे मौके पर
इधर, माहौल बिगड़ने की खबर मिलते ही आनन-फानन में डीएम कुमार रवि और एसएसपी गरिमा मलिक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती पूरे इलाके में कर दी गयी। घंटों डीएम-एसएसपी फुलवारी में कैंप करते रहे।
पहले पत्थर चला फिर फायरिंग हुई और ...
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों को संगतपर इलाके की ओर से जाने से रोकने के लिये कुछ लोग इकठ्ठा हुये। पहले दोनों गुटों में बहस हुई। यह देख पुलिस वहां पहुंची और समझा-बुझाकर को भीड़ को शांत करने का प्रयास किया। इसी बीच भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया। इसके कुछ देर बाद फायरिंग की आवाज आने लगी। एक-एक कर कई राउंड गोलियां चलीं। गोलीबारी होने के बाद माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया।
फुलवारीशरीफ पहुंचे तेजस्वी यादव
हिंसा और लोगों के घायल होने की खबर मिलते ही राजद नेता तेजस्वी यादव फुलवारीशरीफ पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उनके साथ अब्दुल बारी सिद्धकी भी मौजूद थे। तेजस्वी ने घायलों से भी मुलाकात की।
बवाल की पहले से थी तैयारी, बेखबर रही पुलिस
फुलवारी में बवाल करने को लेकर पहले से असामाजिक तत्व ने तैयारी कर रखी थी। लेकिन पुलिस ठीक तरीके से आसूचना संकलन नहीं कर पायी। स्थानीय स्तर पर पुलिस अधिकारियों को असामाजिक तत्वों की खबर तक नहीं मिली। अगर पुलिस पहले से मुस्तैद रहती तो इतनी बड़े बवाल को टाला जा सकता था। भीड़ में शामिल असामाजिक तत्व अशांति फैलाने के लिये हरवे-हथियार से लैस थे। कुछ ने अपने चेहरे को रूमाल से ढंक रखा था ताकि कोई उनकी पहचान नहीं कर सके। पुलिस के जवान और आम लोग असामाजिक तत्वों के टार्गेट पर थे। भीड़ जुटते वक्त ही उसमें बदमाश किस्म के लाग शामिल हुये और कुछ ही देर बाद हिंसक झड़प शुरू हो गयी।
बवाल भड़काने के बाद भाग गये उपद्रवी
अशांति माहौल पैदा करने के लिये उपद्रवी दूसरी जगहों से आये थे। भीड़ के बीच में घुसकर उन्होंने बवाल कराया और लोगों को भड़काने के बाद खुद भाग निकले। उपद्रवियों को पता था कि फुलवारी इलाके में पुलिसकर्मियों की संख्या उतनी नहीं है। लिहाजा उन्होंने बवाल खड़ा कराया।
उपद्रवियों के हाथ में था डंडा और लोहे का रौड
उपद्रवियों के हाथ में डंडा और लोहे का रौड था। लिहाजा पुलिस के सामने भी वे डंडा चलाते रहे। सवाल यह है कि एकाएक भीड़ में शामिल चंद लोगों के हाथ में डंडे कैसे आ गये ? डंडा छिपाकर असामाजिक तत्व भीड़ में शामिल हुये और एकाएक सामने आ गये।
खुलेआम हथियार लहरा रहे थे उपद्रवी
भीड़ में शामिल चंद उपद्रवी खुलेआम हथियार लहरा रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें ढूंढना चाहा तो वे गायब हो गये। इसके बाद सैकड़ों बार पुलिस ने ताबड़तोड़ कई राउंड आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिये।
सुबह 11.30 बजे - फुलवारी टमटम पड़ाव और संगतपर इलाके के बीच जुलूस ले जाने को लेकर शुरू हुआ झगड़ा
दोपहर 12 बजे - भीड़ में शामिल असमाजिक तत्वों ने चलायी गोली
दोपहर 12 बजकर पांच मिनट - पुलिस ने किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले दागे
दोपहर 12.30 बजे - डीएम-एसएसपी फुलवारीशरीफ पहुंचे
दोपहर एक बजे - छावनी में तब्दील हुआ फुलवारी शरीफ का इलाका