अगुवानी पुल के पिलर नंबर 10 के पास थी गड़बड़ी, बिहार ब्रिज हादसे की इनसाइड स्टोरी
2 बजकर 50 मिनट पर सेगमेंट से एक छोटा सा टुकड़ा क्रेक कर नीचे की ओर गिरने लगा। टुकड़ा नीचे की ओर गिरता देख वहां पर अफरातफरी मच गई और सभी जान बचाकर भागने लगे।
बिहार के भागलपुर जिले में अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे महासेतु के पिलर (पी) 10 के दो सेगमेंट में गड़बड़ी आने से रविवार शाम करीब 6 बजे पुल ध्वस्त हो गया। ब्रिज इंजनीनियर के मुताबिक, डिजाइन में कमी होने की वजह से सेगमेंट 8 और 9 पर ज्यादा लोड बढ़ गया और वह धीरे-धीरे क्रश करने लगा। रविवार दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर लांचिंग इंजीनियर को सेगमेंट से कुछ आवाज आई। उन्होंने ऊपर और नीचे काम कर रहे कंपनी कर्मी और मजदूरों को तत्काल यहां से मूव करने के लिए कहा।
ठीक 12 बजकर 50 मिनट पर सेगमेंट से एक छोटा सा टुकड़ा क्रेक कर नीचे की ओर गिरने लगा। टुकड़ा नीचे की ओर गिरता देख वहां पर अफरातफरी मच गई और सभी जान बचाकर भागने लगे। उस वक्त निर्माणाधीन पुल के आसपास 150 के करीब लोग थे। इनमें इंजीनियर, कंपनी कर्मी और मजदूर शामिल हैं। सेगमेंट से एक टुकड़ा गिरने के बाद ही पुल के लांचिंग इंजीनियर ने इसकी सूचना कंपनी के अन्य सीनियर इंजीनियर व अधिकारियों को दी। दोपहर में ही इस बात की संभावना प्रबल हो गई कि अब पुल का गिरना तय है।
रविवार शाम ठीक 6 बजे तेज आवाज के साथ पुल का एक सेगमेंट गिरने के साथ ही अन्य हिस्सा भी भरभरा कर गंगा में समा गया। हालांकि, डिजाइन में कमी होने की आशंका के मद्देनजर ही मुख्य डिजाइनर को बुलाया गया था, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही पुल ध्वस्त होने की घटना की हो गई।
बेसा का दावा- पुल की डिजाइन में गड़बड़ी
बिहार अभियंत्रण सेवा संघ (बेसा) ने दावा किया है कि भागलपुर जिले में पुल गिरने की घटना के पीछे डिजाइन में फॉल्ट है। महासचिव राकेश कुमार ने कहा कि संघ की ओर से एक तकनीकी समिति गठित की गई है, जो आने वाले दिनों में पूरी रिपोर्ट देगी। इसके बाद इस घटना के पीछे की एक-एक बिंदु पर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। संघ की पुरानी मांग है कि तकनीकी विभागों में प्रमुख इंजीनियर ही हों। अगर ऐसा होता तो इस तरह की घटना नहीं होगी। संघ यह भी मांग करता है कि इस तरह के बन रहे सभी पुलों की तकनीकी ऑडिट हो ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।