लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नीतीश-तेजस्वी सरकार मेहरबान, जनता को बड़ी सौगात; जानें सरकार का प्लान क्या
अनुदान राशि में भी वृद्धि कर दी है। दुर्घटना में मौत होने पर अब एक लाख के बदले दो लाख दिया जाएगा। स्वाभाविक मौत होने पर 30 हजार के बदले 50 हजार दिया जाएगा। पूर्ण स्थायी निशक्तता में 1 लाख मिलेगा।
लोकसभा चुनाव में चंद माह रह गए हैं। इस बीच वोट के लिए सत्ताधारी और विपक्ष सभी दल अपनी अपनी रणनीति के अनुसार काम कर रहे हैं। इस बीच नीतीश कुमार -तेजस्वी यादव की सरकार ने कामगारों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। राज्य के असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अब पहले से अधिक समय मिलेगा। दुर्घटना में मौत, जख्म या अपंगता की स्थिति में तत्काल आवेदन करने के बजाए लाभुक एक से पांच साल के भीतर आवेदन कर सकते हैं। इन प्रक्रियाओं के तहत कामगारों को पांच लाख तक का अनुदान मिलेगा।
कामगारों को अधिक समय तक आवेदन का मौका देने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना में बदलाव किया है। अब तक दुर्घटना व स्वभाविक मौत होने पर यथाशीघ्र आवेदन जमा करना पड़ता था। विभाग ने इसकी अवधि दो साल कर दी है।
पूर्ण या स्थायी आंशिक निशक्तता होने पर आवेदन करने के लिए पांच साल का समय दिया गया है। चिकित्सीय सहायता के लिए अब यथाशीघ्र आवेदन करने के बजाए एक साल के भीतर आवेदन करना होगा। वहीं छात्रवृत्ति के लिए कक्षा में पढ़ाई के दौरान आवेदन जमा करना होगा। आवेदन मिलने पर 21 दिनों के भीतर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी और सात दिनों के भीतर श्रम अधीक्षक आवेदन का निबटारा करेंगे।
अनुदान राशि में दोगुना वृद्धि
विभाग ने अनुदान राशि में भी वृद्धि कर दी है। दुर्घटना में मौत होने पर अब एक लाख के बदले दो लाख दिया जाएगा। स्वाभाविक मौत होने पर 30 हजार के बदले 50 हजार दिया जाएगा। पूर्ण स्थायी निशक्तता में 75 हजार के बदले एक लाख जबकि स्थायी आंशिक निशक्तता में 37 हजार 500 के बदले 50 हजार मिलेगा। छात्रवृत्ति के तौर पर 11वीं व 12वीं के छात्रों को अब 12 सौ वार्षिक के बदले ढाई हजार, सरकारी आईटीआई में पढ़ने वाले छात्रों को 12 सौ के बदले पांच हजार मिलेगा।
अनुदान में डीएम की भूमिका नहीं
आश्रितों में पत्नी, पति हकदार होंगे। माता-पिता नहीं होने पर अविवाहित पुत्र-पुत्रियों या विधवा पुत्री अनुदान के लिए हकदार होंगी। अविवाहित होने पर माता-पिता, 25 साल तक के अविवाहित पुत्र हकदार होंगे। आश्रितों में कोई विवाद हो तो कार्यकारी निदेशक उस पर फैसला लेंगे। अगर सहायक श्रमायुक्त किसी आवेदन को खारिज कर देते हैँ तो 90 दिनों के भीतर अपील किया जा सकेगा। इस योजना में 18 से 65 वर्ष के असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराना है। अब तक इस योजना में प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देना पड़ता था जो श्रम अधीक्षक, जिला पदाधिकारी से होते हुए कार्यकारी निदेशक तक जाता था। अब श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को आवेदन देना होगा और श्रम अधीक्षक और कार्यकारी निदेशक के माध्यम से आवेदक को भुगतान हो जाएगा।
डीएम की अब कोई भूमिका नहीं होगी।