Hindi Newsबिहार न्यूज़At least three AIIMS should be opened in Bihar Grand Alliance MPs raised demand in Lok Sabha

बिहार में कम से कम खुलें तीन AIIMS, लोकसभा में महागठबंधन के सांसदों ने उठाई मांग

केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुदानों की मांगों पर चर्चा के दौरान महागठबंधन के सांसदों ने बिहार में कम से कम तीन एम्स खोलने की मांग की है।

Sandeep भाषा, नई दिल्लीFri, 2 Aug 2024 07:47 PM
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लोकसभा में शुक्रवार को महागठबंधन की सहयोगी पार्टियों राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं के बदहाल होने का दावा करते हुए राज्य में कम से कम तीन एम्स खोलने की मांग की है। दोनों दलों के सांसदों ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए यह मांग की।

बक्सर से आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि 2024-25 के केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 87,656.90 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा अधिक है, लेकिन मुद्रास्फीति को ध्यान में रखा जाए तो यह इजाफा जीरो है। उन्होंने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि दरभंगा में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) खोलने की घोषणा तो हो गयी है, लेकिन इस दिशा में काम शुरू नहीं हो सका है।

सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार के चार लाख मरीज प्रतिवर्ष इलाज के लिए पटना एम्स आते हैं। उन्होंने बिहार में तीन और एम्स शुरू करने की जरूरत बतायी। वहीं काराकाट से भाकपा (माले) सांसद राजाराम सिंह ने कहा कि वो स्वास्थ्य सेवाओं के कागजी आंकड़ों को सच मानें या खुद के अनुभव को, इसको लेकर वो उलझन में हैं। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के विकेंद्रीकरण की मांग करते हुए कहा कि जिला अस्पतालों में भी लगभग सभी प्रकार के आकस्मिक इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए तथा हर बीमारी के लिए अलग-अलग डॉक्टर होने चाहिए।

माले सांसद राजाराम ने कहा कि देश में हार्ट, किडनी रोगियों की बढ़ती संख्या का हवाला देते हुए उन्होंने जिला अस्पतालों में भी इसके इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने का सरकार से अनुरोध किया। और कहा कि दरभंगा में एम्स शुरू किये जाने की घोषणा हुई, लेकिन अभी तक उस पर काम नहीं शुरू हुआ है। साथ ही गया, रोहतास और कुछ अन्य जगहों पर भी एम्स बनाने की वकालत की, ताकि गरीब मरीजों को समुचित इलाज मिल सके। इसके अलावा नर्स एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सरीखे कोरोना योद्धाओं के मानदेय में बढ़ोतरी न किये जाने को लेकर भी सरकार पर तंज कसा।

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