बिहार में चल रहा नर्स की फर्जी बहाली का खेल, डीलिंग करते धराया IGIMS का कर्मचारी
आईजीआईएमएस में नर्स की फर्जी नियुक्ति कराने के बदले पैसा लेने के आरोप में एक सहायक को गिरफ्तार किया गया है। अस्पताल सहायक एक नर्स की बहाली कराने की डीलिंग करते समय रंगेहाथ पकड़ा गया था।
राजधानी पटना के आईजीआईएमएस में नर्स की फर्जी नियुक्ति कराने के बदले पैसा लेने के आरोप में एक सहायक को गिरफ्तार किया गया है। अस्पताल सहायक एक नर्स की बहाली कराने की डीलिंग करते समय रंगेहाथ पकड़ा गया था। उसे उपनिदेशक डॉ. मनीष मंडल के नेतृत्व में गठित टीम ने औचक छापेमारी कर पकड़ा। उस समय सहायक सूर्यदीप कुमार एक महिला नर्स से नियुक्ति के बदले 60 हजार रुपये की मांग कर रहा था। वह अस्पताल के सांस एवं छाती रोग विभाग में सहायक के पद पर कार्यरत है। शास्त्रीनगर थाने में उसके खिलाफ अस्पताल प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज करायी है। पिछले एक साल में दूसरी बार ऐसे मामले में किसी अस्पताल के कर्मी की गिरफ्तारी हुई है। एक साल पहले भी अस्पताल के दो कर्मियों की गिरफ्तारी हुई थी।
बहाली निकलते ही सक्रिय हो जाते हैं दलाल
आईजीआईएमएस में जब भी नर्स व सहायकों की वैकेंसी आती है, वहां नियुक्ति के लिए कई फर्जी कंसल्टेंसी सेंटर भी खुल जाते हैं। वे लोगों को नियुक्ति का भरोसा देकर 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक की ठगी करते हैं। ऐसी ही एक शिकायत एक साल पहले अस्पताल प्रशासन को मिली थी। अस्पताल उपनिदेशक मनीष मंडल ने ऐसे कसल्टेंसी सेंटर से बचने की अपील लोगों से की। कहा कि अस्पताल की वेबसाइट पर वैकेंसी और नियुक्ति प्रक्रिया अपलोड की जाती है। विशेष जानकारी के लिए अस्पताल प्रशासन से भी संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी से भी नियुक्ति के लिए पैसे की मांग की जाती है तो वे उनके कार्यालय में आकर शिकायत कर सकते हैं।
अस्पताल अधीक्षक से नर्स ने की थी शिकायत
उपनिदेशक सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि सूर्यदीप की शिकायत एक महिला नर्स ने की थी। कुछ दिन पहले नर्स बहाली का साक्षात्कार हुआ था। इस तरह के फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए उसी दिन परिणाम प्रकाशित कर दिया गया। चयनित सूची में नर्स का नाम नहीं था। उस नर्स को सूर्यदीप कुमार ने फोन करके बहाली कराने की बता कही। बदले में पहले 60 हजार रुपये की मांग भी की। नर्स को उसकी बातों पर संदेह हुआ। उसने इसकी शिकायत अस्पताल अधीक्षक से की। अधीक्षक के सामने ही सूर्यदीप से उसने फोन पर बात की। फोन पर उसकी बातों को सुनकर इस तरह के कई अन्य लोगों से पैसे वसूले जाने की जानकारी अधीक्षक को हुई। उन्होंने टीम बनाकर सूर्यकांत को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। दोपहर बाद सूर्यदीप महिला नर्स को नियुक्ति पत्र देने के बुलाया था, उसी समय धरा गया।