अनिल अग्रवाल ने साले को ऐसे सेट किया, फिर बीवी के साथ शादी से पहले इवनिंग शो फिल्म देख ली
अरबपति उद्योगपति और वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि कैसे शादी से पहले पत्नी संग फिल्म देखने के लिए साले को सेट और भाई को सेट करना पड़ा था।
अरबपति उद्योगपति और वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने अपनी पत्नी किरण और वैवाहिक जिंदगी का एक किस्सा सोशल मीडिया पर शेयर किया है। जिसमें उन्होने बताया है कि कैसे सगाई के बाद किरण से मिलने के लिए बहाने ढूंढा करते थे। और इसके लिए उन्हें कई तिकड़म भिड़ाने पड़ते थे। दरअसल उस जमाने में सगाई के बाद लड़के-लड़की का मिलना उचित नहीं समझा जाता था। अनिल अग्रवाल ने बताया कि वो अपनी पत्नी किरण की सादगी और मासूमियत से वो बेहद प्रभावित थे।
सोशल मीडिया पर पत्नी किरण संग किस्से का जिक्र करते हुए वेदांता ग्रुप के चेयरमैन ने लिखा कि मैंने और किरण ने कई फिल्में साथ साथ देखी हैं, लेकिन राजेश खन्ना की "राजा रानी" जो हमने पटना के अशोक टॉकीज में देखी थी, वो आज भी याद है। बात उन दिनों की है जब मेरी किरण से सगाई हो चुकी थी पर शादी नहीं। उस जमाने में सगाई के बाद भी लड़के लड़की का मिलना सही नहीं माना जाता था। ऐसे में एक मौका हाथ लगा, मेरे तारनहार कृष्ण के जन्मदिन के अवसर पर मिला
जन्माष्टमी का प्रसाद एक डब्बे में डाल कर माताजी ने छोटे भाई नवीन को दिया ताकि वो मेरे ससुराल तक पहुंचा सके। मेरा जाना सही तो नहीं था, लेकिन मैं किसी भी तरह किरण को वो प्रसाद खुद देना चाहता था। मुझे पता था उन दिनों किरण के घरवाले बाहर गए थे, सिर्फ वो और बड़े साले साहब जी ही घर पर थे।
प्यार की राह भी आसान कहां होती है! पहला रोड़ा बना मेरा छोटा भाई नवीन, जिसने मां की दी हुई जिम्मेदारी पूरी करने की कसम खा रखी थी। उसको पतंग उड़ाने का बड़ा शौक था और पिछली रात ही वो मां से पतंग उड़ाने के लिए पैसे मांग रहा था। मैंने पतंग का लालच दे के उसको पटाया। पहले पहले तो मां के डर से माना नहीं, लेकिन इतने सारे पैसे में कितनी नई पतंग आ जाएगी... ये सोच कर उसकी नियत डोल गई और उसने चुप चाप प्रसाद का डब्बा मुझे पकड़ा दिया। राह का अगला कांटा बने साले साहब - ओम जी। घर पर पहुँचते ही स्वागत तो खूब किया, लेकिन मजाल है जो किरण की एक झलक भी पाने दी हो। मैं निराश हो कर वहां से निकल तो गया, लेकिन इस कांटे को भी निकालने की तरकीब ले कर लौटा।
अनिल अग्रवाल ने आगे लिखा कि प्यार की राह भी आसान कहां होती है! पहला रोड़ा बना मेरा छोटा भाई नवीन, जिसने मां की दी हुई जिम्मेदारी पूरी करने की कसम खा रखी थी। उसको पतंग उड़ाने का बड़ा शौक था और पिछली रात ही वो मां से पतंग उड़ाने के लिए पैसे मांग रहा था। मैंने पतंग का लालच दे के उसको पटाया। पहले पहले तो मां के डर से माना नहीं, लेकिन इतने सारे पैसे में कितनी नई पतंग आ जाएगी...
ये सोच कर उसकी नियत डोल गई और उसने चुप चाप प्रसाद का डब्बा मुझे पकड़ा दिया। राह का अगला कांटा बने साले साहब - ओम जी। घर पर पहुँचते ही स्वागत तो खूब किया, लेकिन मजाल है जो किरण की एक झलक भी पाने दी हो। मैं निराश हो कर वहां से निकल तो गया, लेकिन इस कांटे को भी निकालने की तरकीब ले कर लौटा।
सबको पता था ओम जी को ताश खेलने का बड़ा शौक था। वो ताश खेलने का न्यौता तो कभी ना ठुकराते। मेरे जो मित्र ताश के खेल के बादशाह थे उनको अपनी टीम में शामिल किया। विनोद ने अगले दिन शाम 6 बजे ओम जी को अपने घर ताश खेलने का न्यौता दिया। मैंने किसी तरह किरण तक ये बात पहुंचा दी कि शाम 6.30 बजे मैं उसे फिल्म दिखाने टॉकीज ले कर जाऊंगा।
मामा जी की फोर्ड ले कर मैं उसके घर के पीछे वाली मिठाई की दुकान पर उसका इंतजार करने लगा। वो सबसे नज़र बचा कर पिछले दरवाजे से निकल आई और डरती शर्माती गाड़ी में बैठ गई। उसकी वो सहमी सी नजरें आज भी याद है मुझे! किरण के साथ राजा रानी फिल्म देखते हुए मैं किसी राजा से कम महसूस नहीं कर रहा था।
वही दूसरी तरफ मेरे निर्देश अनुसार मेरे दोस्त ओम जी से जानबूझ कर हारते रहे और उनको लंबे समय तक उलझाए रखा। आखिर में 300 रुपये ले कर ओम जी घर चले गए। जब मैंने विनोद को उसके 300 रुपये लौटाए तो उन्होंने मजाक में पूछा कि भाई तेरी पिक्चर कुछ ज्यादा ही महंगी नहीं पड़ गई? मैंने मुस्कुरा के जवाब दिया: "किस्मत से चुराये ख़ुशी के ये पल किरण के साथ अनमोल हैं
आपको बता दें कारोबारी अनिल अग्रवाल का बिहार से गहरा नाता है। उनका जन्म 1954 में पटना में हुआ था। और बचपन भी राजधानी में बीता। सरकार स्कूल से पढ़ाई के बाद वो पिता के कारोबार में हाथ बंटाने लगे थे। 1970 में उन्होने स्कैप मेटल का काम शुरू किया था। और आज की तारीख में उनका लंदन में कारोबार चल रहा है। अनिल अग्रवाल की नेटवर्थ लगभद 2.01 अरब डॉलर है। जो भारतीय रुपए में करीब 16,720 करोड़ है। सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अनिल अग्रवाल के 1 लाख 86 हजार से भी ज्यादा फॉलोवर हैं।