अनंत सिंह बेऊर जेल से दूसरी जगह शिफ्ट होंगे, कारा में बवाल के बाद जताई थी हत्या की आशंका
बेऊर थाने में केस दर्ज किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कैदियों को जेल से भगाने की मंशा और कारा प्रशासन पर दबाव बनान के लिए हंगामा किया गया था। अनंत सिंह समेत 32 कैदियों को आरोपी बनाया गया है।
पटना की बेऊर जेल में बंद पूर्व विधायक एवं बाहुबली अनंत सिंह को दूसरी जेल में शिफ्ट किया जाएगा। दो दिन पहले बेऊर जेल में दो गुटों में हुई मारपीट और उनके द्वारा हत्या किए जाने की आशंका जताए जाने के बाद प्रशासन ने जेल की सुरक्षा बढ़ा दी है। अनंत सिंह को बिहार की किस जेल में शिफ्ट किया जाएगा, अभी यह तय नहीं हो पाया है। लेकिन, अधिकारियों ने अपने आंतरिक रिपोर्ट में इसकी अनुशंसा जिलाधिकारी को भेज दी है।
जेल में झड़प के बाद डीएम ने पटना सदर एसडीएम और फुलवारीशरीफ की एएसपी को मामले की जांच करने को कहा था। दोनों ने संयुक्त जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। इसमें बेउर जेल में विधि-व्यवस्था को देखते हुए कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था करने की अनुशंसा की गई है।
जांच रिपोर्ट में कहा है कि कारा परिसर में जाने पर कैदियों से पूछताछ की गई। इसमें पता चला कि बंदियों द्वारा उच्च श्रेणी वार्ड के कुछ कक्ष में पेड़ की टहनी को डंडा बनाकर हाथ में लेकर जबरन कब्जा कर लिया गया है एवं किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। दो गुटों के बीच झड़प में कुछ बंदियों को गंभीर चोटें भी आईं। बीच बचाव करने गए कुछ कक्षपालों से भी बंदियों ने मारपीट की। और कक्ष पर कब्जा कर लिया गया है। बंदियों ने उच्च सुरक्षा कक्ष की चाभी पर कब्जा कर लिया था।
पुलिस बल पर हमला, जेलब्रेक की कोशिश
जेल अधीक्षक की शिकायत पर बेऊर थाने में केस दर्ज किया गया है। शिकायत में कहा गया है कि कैदियों को जेल से भगाने की मंशा और कारा प्रशासन पर दबाव बनान के लिए हंगामा किया गया था। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने अनंत सिंह सहित 32 कैदियों पर नौ धाराओं में केस दर्ज किया है। इसमें गेड़ा, गंगा गौतम, गौतम कुमार उर्फ चिकु, गौतम कुमार, मो, अफताब आलम, मो. फिरोज और पिंटू यादव के नाम प्रमुख हैं। आरोपितों पर आईपीसी की धारा 147, 149, 323, 341, 353, 337, 225, 427 और 504 लगाई गई है।
सुबह 7.30 बजे बंदियों ने मचाया था उत्पात
घटना के दिन सुबह 07.30 बजे जब पहली बार उत्पात मचाना शुरू किया। उस समय कारा का अलार्म बजाया गया। मेगा फोन से सभी बंदियों को अपने-अपने वार्ड में जाने का निर्देश दिया गया। परिसर में घूम रहे कुछ बंदियों को छोड़कर सभी अपने-अपने वार्ड में चले गए। बाहर रहे सभी बंदी उच्च श्रेणी वार्ड में एकत्र हो गए। प्रशासन द्वारा उन्हें लगातार अपने संबंधित वार्ड में जाने के लिए कहा गया एवं समझाने का सिलसिला जारी रहा।
इसके बावजूद कोई असर नहीं हुआ। समझाने गए बल पर वार्ड में अचानक हमला कर दिया गया। आपसी झड़प में दोनों पक्ष के कुछ लोगों को चोटें आईं। कुछ कक्षपालों को गंभीर चोटें आईं। वर्दी फाड़ दी गई। पूरे शरीर पर बर्तन से भी हमले किए गए। आक्रोशित बंदियों एवं कक्षपालों के बीच पुन झड़प हुई।