बिहार: पुलिस लाइन बवाल में डीएसपी मसेलहउद्दीन को हटाया गया
पुलिसलाइन में हुए बवाल के मामले में डीएसपी मो. मसेलहउद्दीन पर आखिरकार कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया गया है। शनिवार को डीजीपी केएस द्विवेदी ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए डीएसपी को...
पुलिसलाइन में हुए बवाल के मामले में डीएसपी मो. मसेलहउद्दीन पर आखिरकार कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया गया है। शनिवार को डीजीपी केएस द्विवेदी ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए डीएसपी को तत्काल प्रभाव से पटना पुलिसलाइन से हटाने का आदेश जारी किया। उन्हें पुलिस मुख्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया गया है। फिलहाल वह पदस्थापना की प्रतीक्षा में रहेंगे।
गत 2 नवम्बर को प्रशिक्षु महिला सिपाही की मौत के बाद रंगरूटों ने पटना पुलिसलाइन में जमकर बवाल किया था। डीएसपी मसेलहउद्दीन की कार्यशाली से नाराज रंगरूटों ने उनकी पिटाई भी कर दी थी। पुलिस मुख्यालय ने इस अप्रत्याशित घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई भी शुरू कर दी। तीन सौ से ज्यादा रंगरूटों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी, निलंबन और तबादले की कार्रवाई की गई है। वहीं पूरे मामले की जांच पटना के जोनल आईजी एनएच खां को सौंपी गई थी।
निलंबित भी किए जा सकते हैं
मो. मसेलहउद्दीन को फिलहाल पटना पुलिस लाइन से हटाया गया है। माना जा रहा है कि यह प्रारंभिक कार्रवाई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई अलग से होगी। पुलिसलाइन में कर्तव्य का पालन सही ढंग से नहीं करने और अन्य मामलों में उनसे जल्द स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। यदि उनके जवाब संतोषजनक नहीं हुए तो विभागीय कार्यवाही और निलंबन की गाज गिर सकती है।
डीजीपी ने किया अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल
डीएसपी को पुलिसलाइन में अटैच करने के मामले में डीजीपी ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया है। डीजीपी को दो डीएसपी रैंक के अफसरों को विशेष परिस्थिति में हटाने या पोस्टिंग का अधिकार है। हालांकि कार्रवाई के बाद इसकी सूचना गृह विभाग को देनी होती है। पुलिस मैनुअल में मिले इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए डीजीपी ने पटना पुलिस लाइन के डीएसपी को पुलिस मुख्यालय में अटैच किया है।