एसी-रसोई गैस युवाओं में हार्ट अटैक की बड़ी वजह, कार्डिकॉन 2023 में डॉक्टर्स का दावा
राजधानी पटना में आयोजित कार्डिकॉन 2023 में हार्ट के डॉक्टर्स ने बताया की युवाओं में हार्ट अटैक की बड़ी वजह एसी-रसोई गैस हैं। जिनसे निकलने वाले सूक्ष्म कण धमनियों को ब्लॉक कर रहे हैं।
रसोई गैस और एयर कंडिशनर भी युवाओं में हृदय रोग का बड़ा कारण बन रहे है। रसोई गैस का चूल्हा और एसी से भी वायु प्रदूषण होता है। इनसे निकलने वाले सूक्ष्म कण 2.5 और कुछ हानिकारक गैसें हृदय की धमनियों में रुकावट (ब्लॉकेज) पैदा करती हैं और युवाओं के अचानक मौत का कारण बनती हैं। ये बातें कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष व लीलावती अस्पताल मुंबई के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय हरिकृष्ण बंग ने कार्डिकॉन 2023 के दौरान शनिवार को कही।
सीएसआई बिहार शाखा द्वारा आयोजित कार्यक्रम के पहले दिन डॉ. विजय ने कहा कि एसी से निकलने वाले प्रदूषण को आंखों से नहीं देखा जा सकता। सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा खतरनाक गैस और सूक्ष्म कण एसी से निकलते हैं। इसकी रोकथाम से संबंधित कुछ मानक तय करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है। कहा कि घर के बाहर वाहनों, रसायन, फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलनेवाली गैसें भी देशभर में हृदय रोग को बढ़ा रही हैं। कार्डिकॉन का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। मौके पर उन्होंने डॉ. अजय सिन्हा द्वारा संपादित स्मारिका का भी विमोचन किया।
हृदय रोग विशेषज्ञ मैक्स दिल्ली के डॉ. एसके सिन्हा, डॉ. राधा कृष्णन, आईजीआईसी पटना के डॉ. सुनील कुमार, डॉ. केके वरुण, एम्स पटना के डॉ. संजीव कुमार, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. एके झा, डॉ. रवि विष्णु, डॉ. अमिताभ ने कहा कि खराब जीवनशैली, गलत खानपान, खेलकूद और व्यायाम से दूरी युवाओं में हर्ट अटैक का कारण हैं। कहा कि भागदौड़ और तनावपूर्ण जिंदगी, फास्ट फूड, अत्यधिक मांसाहार, तैलीय पदार्थ का सेवन, धूम्रपान और शराब का सेवन, अनियंत्रित डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर युवाओं को हृदय रेाग का शिकार बना रहा है।
हार्ट अटैक से हर साल 12 लाख मौत, इनमें 50% युवा
डॉ. केके वरुण, डॉ. संदीप और डॉ. संजीव कुमार, कोलकाता की डॉ. देविका चटर्जी, हैदराबाद के डॉ. आशीष सप्रे ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष 12 लाख मौत हार्ट अटैक से हो रही है। इसमें लगभग 50 प्रतिशत युवा (50 वर्ष से कम आयु वाले) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हृदय रोग जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसमें रोकथाम के लिए सरकार को भी जागरूकता कार्यक्रम चलाना होगा। जिलास्तर पर कैथलैब, जांच की सुविधा और विशेषज्ञ चिकित्सकों की बहाली होनी जरूरी है। बिहार में अभी मात्र 22 कैथलैब हैं। राजधानी पटना को छोड़ जिलास्तर पर कार्डियक सर्जन की घोर कमी है। सही समय पर सही इलाज की पहुंच में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने आयुष्मान योजना, सीएम सहायता योजना, सीएम बाल हृदय योजना का दायरा और बढ़ाने की जरूरत बताई।
ये हैं बचाव के उपाय
नियमित व्यायाम करें, सक्रिय रहें
तनाव रहित रहें, खुश रहें
भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा घटाएं, प्रोटीन-वसा की बढ़ाएं
मैदा, चीनी का सेवन ना करें
बीपी, शुगर, कॉलेस्ट्राल को नियंत्रित रखें, समय पर दवा लें
अचानक बहुत ज्यादा ना दौड़ें और ना ही डांस करें
बच्चों में खेलकूद को बढ़ावा दें
विशेषज्ञों ने कहा कि छाती में कोई भी दर्द आधा घंटा से ज्यादा रहे, दर्द बढ़ता ही जाए तो यह हार्ट अटैक ही है। दर्द के साथ छाती पर दबाव लगना, दबाव अथवा दर्द बांह, गले अथवा पीठ में जाए तो इसे गैस समझने की भूल ना करें। तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाकर ईसीजी कराएं। ऐसी स्थिति में पहला घंटा यानी गोल्डन आवर मरीज की जान बचाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। सबसे ज्यादा मौत पहले घंटे में ही होती है। अगर पहले घंटे में उचित इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बच सकती है।