22 साल की आकांक्षा बनीं मुखिया, पिता की हत्या ने बदल दिया लक्ष्य
खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के मेघौना गांव पंचायत से 22 वर्षीया आकांक्षा बसु मुखिया चुनी गई हैं। वह दिवंगत पूर्व मुखिया जगदीश चंद्र बसु की बेटी हैं। जगदीश की अपराधियों ने 1 मार्च 2019 को हत्या कर दी...
खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के मेघौना गांव पंचायत से 22 वर्षीया आकांक्षा बसु मुखिया चुनी गई हैं। वह दिवंगत पूर्व मुखिया जगदीश चंद्र बसु की बेटी हैं। जगदीश की अपराधियों ने 1 मार्च 2019 को हत्या कर दी थी। आकांक्षा भौतिकी विज्ञान से स्नातक उत्तीर्ण है। दिल्ली में वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। पिता की हत्या के बाद वह गांव वापस आ गईं। उनका लक्ष्य ही बदल गया। पंचायत में मुखिया पद से कुल 18 प्रत्याशी मैदान में थे।
आकांक्षा ने खगड़िया जिले के मेघौना पंचायत से 2,806 वोट से जीत दर्ज की है। उनके पिता भाकपा नेता जगदीश चन्द्र बसु 4 बार मुखिया रहे थे। 4 बहन और एक भाई में आकांक्षा सबसे बड़ी हैं। वो सरकारी अफसर बनना चाहती थी। पिता की मौत के बाद आकांक्षा ने ही पूरे परिवार को संभाला। मुखिया बनने के लिए पंचायत चुनाव से पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी।
पंचायत चुनाव से पहले ही वह हर गांव का दौरा कर रही थी। लोगों से पिता की हत्या और पंचायत के विकास के लिए उनके पिता के सपने के बारे में बताया। पंचायत चुनाव आने पर वह मुखिया पद के लिए चुनावी मैदान में कूद पड़ी। पिता के नक्शे कदम पर चलते ही पंचायत चुनाव में जीत हासिल कर ली।
आकांक्षा बसु ने बताया कि उन्हें ये जीत उनके पिता के अच्छे काम की वजह से ही मिली है। वह अपने पिता के ही नक्शे कदम पर चलना चाहती हैं। आकांक्षा कहती हैं कि वे पंचायत चुनाव में लोगों की परेशानी को देख उतरी थी। अब लोगों ने जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरा करना उनकी सबसे पहली प्राथमिकता होगी।