बिहार में पेपर लीक पर 10 साल की सजा, एक करोड़ का जुर्माना; विधानसभा से पास हुआ बिहार लोक परीक्षा बिल
बिहार विधानसभा से आज पेपर लीक कानून पास हो गया। जिसके तहत 10 साल की सजा और एक करोड़ के जुर्माने का प्रावधान है। अब वहीं अभ्यर्थी के शामिल होने पर 3 साल सजा और 10 लाख का जुर्माना है।
परीक्षा में धांधली और पेपर लीक रोकने के लिए आज विधानसभा से बिहार लोक परीक्षा विधेयक 2024 पास हो गया है। इस कानून के तहत पेपर लीक करने वालों को 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। विधानसभा के बाद अब विधान परिषद में पास होना बाकी है। जिसके बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। विधेयक पेश करते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ऐसे महत्वपूर्ण कानून का हिस्सा नहीं बनना चाहता, जिसका उद्देश्य युवाओं के लिए एक स्वच्छ परीक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना है।
विजय चौधरी ने कहा कि यह विधेयक किसी भी तरह से परीक्षाओं को प्रभावित करने वाले पेपर लीक में शामिल संगठित गिरोहों और असामाजिक लोगों को रोकने के लिए कठोर दंड देता है, क्योंकि यह समय की मांग है। मुझे पता चला है कि पिछले 16 दिनों में देशभर में ऐसे 48 मामले सामने आए हैं। बिहार पर भी असर पड़ा है। केंद्र का कानून जुलाई से प्रभावी हो गया है और बिहार ने भी अपना कानून बना लिया है। अगर परीक्षा प्रणाली में छेड़छाड़ करने वाले ऐसे तत्वों पर मामला दर्ज किया जाएगा तो विपक्ष को क्या दिक्कत हो सकती है? यह दुखद है, बिहार की जनता सब देख रही है।
हालांकि विपक्ष ने कई संशोधन पेश किए थे, लेकिन उन्हें आगे बढ़ाने के लिए कोई नहीं था, जिसके बाद स्पीकर को विपक्ष को यह बताने के लिए मजबूर होना पड़ा कि क्या वे सरकार की मदद करना चाहते हैं या अपने विधायकों को इतने महत्वपूर्ण विधेयक में संशोधन पेश करने से रोकना चाहते हैं। हालांकि, विपक्ष वॉकआउट करने से पहले नारेबाजी करता रहा।
विधेयक में साफ है कि कानून के अधीन अपराधों में संलिप्त व्यक्ति को न्यूनतम 3 साल की सजा होगी, जो 5 सालों तक की होगी। अगर कोई अभ्यर्थी नियमों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो उसे तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान नए बिल में किया गया है। परीक्षा में शामिल सेवा प्रदाता अगर कानून का उल्लंघन करते हैं तो उनके लिए एक करोड़ जुर्माने का प्रावधान है। परीक्षा की लागत भी सेवा प्रदाता से ही वसूली जाएगी। उसे चार साल के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा।
कोई व्यक्ति या ग्रुप जिनके साथ सर्विस प्रोवाइडर की मिलीभगत हो तो 5 से 10 वर्ष की सजा और एक करोड़ का जुर्माना लगेगा। संस्था की संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान है। अगर किसी अधिकारी की संलिप्तता पेपर लीक में पाई गई तो उसे 10 साल तक जेल हो सकती है और एक करोड़ तक जुर्माना भी लगेगा। साथ ही अब पेपर लीक की जांच भी डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही मॉनसून सत्र में पेपर लीक पर नया बिल लाने की घोषणा की थी। इस बिल का उद्देश्य लोक परीक्षा प्रणाली में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता लाना है। उन व्यक्तियों, संगठित समूहों या संस्थानों को प्रभावी ढंग से और कानूनी रूप से रोकना है, जो अनुचित तरीकों में लिप्त हैं और लोक परीक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। जो अब विधानसभा से पास हो गया है। आज सदन स्थगित होने से पहले दो और विधेयक, माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2024 और बिहार लाइट और एस्केलेटर विधेयक, 2024 भी पारित किए गए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।