लोगों को स्वास्थ्य के प्रति रहना होगा जागरूक
विश्व स्वास्थ्य दिवसयुवाओं ने निकला रामनवमी की जुलूस युवाओं ने निकला रामनवमी की जुलूस युवाओं ने निकला रामनवमी की जुलूस

विश्व स्वास्थ्य दिवस सीवान, निज प्रतिनिधि। वर्तमान समय में मानव जीवन पर कई प्रकार की बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। इसमें मुख्य रूप से संक्रामक तथा गैर संक्रामक रोगों सहित वेक्टर जनित रोग भी शामिल हैं। सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद का कहना है कि विश्व की एक बड़ी आबादी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझ रही है। क्योंकि जीवनशैली में तेजी से हो रहे बदलाव, पर्यावरण तथा पारिस्थतिकी को बड़े पैमाने पर हो रहे नुकसान के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी जन्म ले रही हैं। विश्व में ह्रदय रोग, मधुमेह, यक्ष्मा, डेंगू, चिकनगुनिया सहित कई प्रकार की बीमारियां एक आम इंसान के पूरे जीवनकाल को प्रभावित कर रही हैं। इसको लेकर पूरे विश्व में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 07 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य शीर्षक वाले थीम के इस अभियान के तहत सरकारों और स्वास्थ्य समुदाय से आग्रह किया जाएगा कि रोके जा सकने वाली मातृ एवं नवजात मृत्यु को काफी हद तक कम करने के लिए प्रयास तेज करें। साथ ही महिलाओं के दीर्घकालिक स्वास्थ्य एवं कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए हम सभी को कटिबद्ध होना चाहिए। क्योंकि माताओं और शिशुओं का स्वास्थ्य स्वस्थ परिवारों और समुदायों की नींव है, जो हम सभी के लिए आशापूर्ण भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करता है। कचरा प्रबंधन का रखना होगा पूरा ध्यान एमओआईसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार रवि रंजन ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों तथा स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े अधिकारी और कर्मियों को कचरा प्रबंधन का पूरा ख्याल रखना चाहिए। साथ ही पहले से बना हुआ खाना के इस्तेमाल को कम कर स्थानीय स्तर पर तैयार खाद्य पदार्थों का उपयोग को बढ़ाने में मदद करने की आवश्यकता है। वहीं, स्वास्थ्य संस्थानों में ऊर्जा बचत का ध्यान रखते हुए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर काफी हद तक विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर पर्यावरण एवं जलवायु पारिवर्तन को लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश करनी चाहिए। वहीं अच्छी सेहत के लिए पूर्ण रूप से धूम्रपान को छोड़ना पड़ेगा। मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता हम सभी की पहली जिम्मेदारी जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम विशाल कुमार ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पूरे विश्व की महिलाओं को गर्भावस्था, प्रसव और प्रसव के बाद के पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध होना चाहिए। जिसमें मुख्य रूप से व्यापक स्तर पर प्रसवपूर्व देखभाल और सुरक्षित प्रसव की विधियों का उपयोग शामिल है, ताकि मां और नवजात शिशु की मृत्यु दर को आसानी से कम किया जा सकें। वहीं पूरे विश्व में मातृत्व और नवजात स्वास्थ्य सेवाओं में मौजूद भारी विसंगतियों पर जोर देता है। क्योंकि यह सुनिश्चित करने के लिए वंचित समुदायों में महिलाओं को वित्तीय कठिनाई का सामना किए बगैर उनकी ज़रूरत के अनुसार देखभाल मिल सकें। वैश्विक स्तर पर सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, स्वास्थ्य कर्मियों का सशक्तिकरण, सामुदायिक सहभागिता, नीति प्रतिबद्धता और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना ही डब्ल्यूएचओ मुख्य उद्वेश्य है। हालांकि विगत 50 वर्षों से विश्व स्वास्थ्य दिवस मानसिक स्वास्थ्य, मातृ एवं शिशु देखभाल तथा जलवायु परिवर्तन जैसे विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों पर प्रकाश डालता रहा है। वहीं इस दिवस के आयोजन के अलावा भी संरक्षणात्मक गतिविधियां जारी रहती हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य के इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करती हैं।
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