ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर ट्रांसफर की ऑनलाइन आवेदन की हुई शुरुआत
रघुनाथपुर में शिक्षक अब ट्रांसफर के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर आवेदन करेंगे। 7 नवंबर से शुरू हुई प्रक्रिया में 22 नवंबर तक आवेदन किया जा सकता है। शिक्षकों को 10 विकल्प दिए जाएंगे, जिनमें से 3 अनिवार्य...
रघुनाथपुर, एक संवाददाता। अब ट्रांसफर चाहने वाले शिक्षक ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर आवेदन करेंगे। इस पोर्टल पर ट्रांसफर का आवेदन फॉर्म के मेन्यू को क्लिक करने पर शिक्षक के रजिस्टर्ड ओटीपी मिलेगा। फिर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। शिक्षक कोई भी हो, सभी को अब ट्रांसफर के लिए इसी ई-शिक्षाकोष के ही लिंक को गूगल या अन्य किसी भी इंटरनेट ब्राउजर पर खोलना होगा। विशिष्ट शिक्षकों के लिए ट्रांसफर का फॉर्म करने के लिए 22 नवंबर तक का समय दिया गया है। नियम के अनुसार, एक ही अनुमंडल वाले जिलों के पुरुष शिक्षकों को पास के ही किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर किया जाएगा। शिक्षक आवेदन में अपने नजदीकी जिले के अनुमंडल का नाम देंगे। शिक्षकों के ट्रांसफर की कैटेगरी निर्धारित की गई है। प्रमाण पत्र भी अपलोड करना होगा। ट्रांसफर आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पोर्टल के माध्यम से ही पंचायत व विद्यालय का आवंटन होगा। आवेदन की प्रक्रिया 7 नवंबर से शुरू है और 22 नवंबर तक होगी। वहीं दिसंबर माह में आवेदन पर विचार करके शिक्षकों के मांगे गए पंचायत एवं अनुमंडल में स्कूल आवंटित किया जाएगा। 1 से 7 जनवरी के बीच में शिक्षकों को नए स्कूल में अपना योगदान देना होगा। हालांकि, शिक्षक अभी आवेदन फॉर्म भरने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। शिक्षकों को उम्मीद है कि उनके द्वारा उठाये जा रहे सवाल और मांग पर सरकार फिर से विचार करेगी। उन्हें 3 से 10 अनुमंडल का चुनने का विकल्प मिल जाएगा तो काफी बेहतर होगा। जबकि महिलाओं, दिव्यांगों और गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को 10 पंचायत चुनने का मौका मिले तो बहुत अच्छा होगा। गूगल प्ले स्टोर पर आ गया ई-शिक्षाकोष पोर्टल ई-शिक्षा कोष मोबाइल एप अचानक प्ले स्टोर से गायब हो जाने के दो दिन के अंदर ही गूगल के प्ले स्टोर पर यह फिर से दिखने लगा है। इसके अचानक से गायब हो जाने के कारण से सरकारी विद्यालयों के शिक्षक सोमवार शाम से परेशान थे। इस समस्या के चलते एप को मोबाइल में नए सिरे से डाउनलोड करना संभव नहीं हो पा रहा था। कई शिक्षक इस तकनीकी समस्या से जूझ रहे हैं। कई शिक्षकों ने शिकायत की है कि वे ई-शिक्षा कोष एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं जो शिक्षक पहले से एप का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें एप की धीमी कार्यप्रणाली और हाजिरी अपलोड न होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इधर, मंगलवार को पठन-पाठन के बाद विद्यालय छठ महापर्व की वजह से बंद हो गया। इसके बाद गुरुवार से यह फिर से प्ले स्टोर पर दिखने लगा है। शिक्षक डाउनलोड भी कर रहे हैं। ट्रांसफर के लिए देने होंगे कम से कम 3 विकल्प शिक्षकों को तबादले के लिए 10 विकल्प मिलेंगे। इनमें से तीन विकल्प अनिवार्य होंगे। यदि तीन अनिवार्य विकल्पों में कोई पद रिक्त नहीं है, तो शिक्षकों को उसी जिले में या निकटवर्ती जिले में कहीं भी पदस्थापित किया जाएगा। असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, विकलांगता, ऑटिज्म या मानसिक विकलांगता के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को 10 पंचायत या नगर निकाय का विकल्प देने का ऑप्शन है। विधवा, परित्यक्ता शिक्षिका, महिला शिक्षिका, ट्रांसजेंडर और पति की पोस्टिंग के आधार पर तबादला चाहने वाले शिक्षकों को 10 पंचायत या नगर निकाय का विकल्प दिया गया है। पुरुष शिक्षक भी 10 अनुमंडल का विकल्प दे सकते हैं। हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं शिक्षक सक्षमता पास शिक्षक 2023 की नियमावली से हटकर कार्य किए जाने से सरकार से नाराज हैं। शिक्षकों का कहना है कि जब उन्हें जिला आवंटित पूर्व में ही किया जा चुका है तो हम दूसरे जिले में क्यों जाएं। शिक्षकों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ पटना हाइकोर्ट जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए शिक्षक प्रकिया में लग गए हैं। इधर, राजस्थान के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए फैसले को भी शिक्षक आधार बनाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियुक्ति के नियमों एवं अहर्ता की शर्तों में बीच में तब तक बदलाव नहीं किया जा सकता, जब तक की नियम इसकी अनुमति न दें।
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