आंधी-पानी से चरमराई बिजली की सप्लाई, फलों को नुकसान
युवा की लीड, प्लान की खबर परेशानी चिमनी ईंट उद्योग को इस आंधी-पानी से हुई है भारी क्षति फलों व सब्जियों के लिए फायदेमंद पर आंधी से नुकसान फोटो : 12 रघुनाथपुर में बुधवार की सुबह आंधी के साथ हो रही...
युवा की लीड, प्लान की खबर
परेशानी
चिमनी ईंट उद्योग को इस आंधी-पानी से हुई है भारी क्षति
फलों व सब्जियों के लिए फायदेमंद पर आंधी से नुकसान
फोटो : 12 रघुनाथपुर में बुधवार की सुबह आंधी के साथ हो रही झमाझम बारिश का का एक दृश्य।
सीवान। हिन्दुस्तान टीम
जिले में दो दिन बाद ही बुधवार की सुबह एक-बार फिर आंधी और बारिश का सितम देखने को मिला। इस आंधी-पानी से फायदा कम और नुकसान ज्यादा होने की बात सामने आ रही है। जहां इस आंधी-पानी से कई प्रखंडों में सुबह से ही बिजली की सप्लाई बाधित हो गयी है, वहीं जर्जर और कच्ची सड़कों पर जलजमाव होने से झील जैसा नजारा दिखने लगा है। चिमनी ईंट उद्योग को भी इस आंधी के साथ आई बारिश से नुकसान पहुंचा है। रघुनाथपुर प्रखंड के फुलवरिया स्थित चिमनी उद्योग के मालिक ऋषि कुमार ने बताया कि इस बारिश में उनके चिमनी के 20 हजार कच्ची ईंटें बर्बाद हुईं हैं। जिले के अन्य हिस्सों से कुछ इसी तरह की सूचना मिल रही है। बुधवार को आई आंधी-पानी में आम और लीची के फलों को भी नुकसान पहुंचा है। तेज आंधी के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ से कच्चे आम गिर पड़े। हालांकि इस साल मंजर में मधुआ रोग लग जाने से मात्र 10 फीसदी आम के पेड़ों पर ही फल दिख रहे हैं। हालांकि इस बारिश से सब्जियों को जरूर फायदा हुआ है। किसानों को अब चार-पांच दिनों तक सब्जियों की सिंचाई नहीं करना पड़ेगा। सुबह में आंधी-पानी आने से पहले रात से ही मेघों का लगातार गर्जन जारी था। इससे रघुनाथपुर सबस्टेशन से रात में ही सप्लाई ठप कर दी गयी थी। सुबह करीब 2 घंटे सप्लाई मिली ही थी कि करीब 10 बजे आंधी और पानी शुरू हो गई और फिर बिजली की सप्लाई शाम 4 बजे तक के लिए बाधित हो गयी। बिजली की सप्लाई बाधित रहने से लोगों को इस दौरान काफी परेशानी हुई।
खेत में नमी आने से इसकी जुताई कर सकेंगे किसान
जिले में बुधवार की सुबह करीब सभी क्षेत्रों में थोड़ी-बहुत बारिश होने की सूचना है। जिधर अच्छी बारिश हुई है, उधर के किसान अपने खेतों की जुताई कर सकेंगे। कहा जाता है कि मई-जून में बहुतेरे किसान खेतों की जुताई करके उसे धान का बिचड़ा लगाने के लिए तैयार करते हैं। अभी मड़ुआ का बिचड़ा डालने का समय भी आ रहा है। चंवरी और नहर वाले क्षेत्र के किसान मई के अंतिम और जून महीने के पहले सप्ताह से ही धान का बिचड़ा डालना शुरू कर देते हैं।
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नौतन में गरज के साथ झमाझम हुई बारिश
नौतन। प्रखंड में बुधवार को हुई झमाझम बारिश से खाली पड़े खेतों को काफी फायदा पहुंचा है। हालांकि सब्जी लगी खेतों को नुकसान हुआ है। खाली पड़े खेतों में बारिश के बाद नमी होने से मक्के की खेत तैयार करने में किसानों को सहुलियत होगी। धान की बुआई करने वाले खेतों को भी फायदा है। सब्जी वाले खेतों में पानी लगने से उसमें लगी सब्जियों को काफी नुकसान पहुंच सकता है। तेज हवा के साथ बारिश से लीची व आम के टिकोरों को भी नुकसान पहुंचा है।
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जलजमाव से झील में तब्दील हुआ मांझी-बरौली पथ
संकट
जामो बाजार में नहीं है जल निकासी की सुविधा
धीमी गति से चल रहे सड़क निर्माण से परेशानी
फोटो-13 हल्की बारिश में जामो बाजार स्थित मांझी-बरौली पथ पर जमा पानी।
गोरेयाकोठी। एक संवाददाता
जामो बाजार प्रखंड के सबसे पुराने बाजारों में से एक है। इस बाजार में जल निकासी का प्रबंध नहीं होने से हल्की बारिश में भी पूरा बाजार जलमग्न हो जाता हैं। बुधवार की सुबह हल्की बारिश होते ही पूरा सड़क जलमग्न हो गया। इस बाजार से होकर गुजरने वाली मांझी-बरौली पथ कीचड़ से पट गया है। जिससे बाजारवासियों को आवागमन करने अथवा अपने सामानों को खरीद -बिक्री करने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। वहीं जामो बाजार में भारतीय स्टेट बैंक के बगल में लोगों द्वारा सड़क पर गंदा पानी गिरा देने के चलते वर्षभर जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। स्थानीय लोगों ने जलजमाव से निजात पाने के लिए कई बार सड़क को अवरुद्ध कर प्रशासन से मांग की। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो सका है। बाजार वासियों को जल जमाव की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। प्राप्त सूचना के अनुसार मांझी-बरौली पथ का निर्माण कार्य प्रारंभ है लेकिन जामो, जगदीशपुर व लधी बाजार में निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। जल निकासी का प्रबंध नहीं रहने से जल जमाव की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय मैनेजर कुमार गुप्ता, सुनील शर्मा, राजू गुप्ता, अशोक कुमार, अमित कुमार, राजू कुशवाहा, मनु कुमार, दीपक कुमार, सरोज प्रसाद व आलोक गुप्ता ने सड़क निर्माण के साथ-साथ दोनों तरफ जल निकासी के लिए नाला निर्माण कराने की मांग की है।
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एक घंटे की बारिश में बह गया तीन करोड़ कच्चा ईंट
फोटो : 15 बुधवार को विजईपुर में बारिश के चलते बर्बाद हुई कच्ची ईंट।
जीरादेई। बेमौसम हुई बारिश ने ईंट-भट्ठा मालिकों को भी करारी चपत लगाई है। कच्ची ईंटें बारिश के पानी में भींगकर बर्बाद हो गईं। प्रति भट्ठे करीब तीन लाख रुपये की ईंटों का नुकसान हुआ है। ऐसे में ईंटों की कीमतें भी बढ़ाई जाएंगी। इसका सीधा असर घर बनवा रहे लोगों पर पड़ेगा। बुधवार की सुबह मात्र एक घंटे की बारिश ने चेमनी मालिकों का कमर तोड़ दी। इसके चलते ईंट-भट्ठों पर सूखने के लिये रखी कच्ची ईंटें बर्बाद हो गयीं। कई भट्ठों पर तो ईंट पथाई काम चल रहा था। जानकारी के मुताबिक जिले में करीब तीन सौ ईंट-भट्ठे हैं। दरौली निवासी भट्ठा मालिक अनिल सिंह और गुठनी के सुबोध सिंह का कहना है कि इस बारिश के चलते किसी भट्ठा मालिक को तीन लाख से कम का नुकसान नहीं हुआ है। इस तरह देखा जाए तो महज एक घंटे की बारिश में ही ईंट-भट्ठा मालिकों को करीब एक करोड़ रुपये की चपत लग गई। जीरादेई निवासी भट्ठा मालिक संतोष तिवारी ने बताया कि इस नुकसान की भरपाई के लिये अब ईंटों की कीमतें बढ़ानी पड़ेंगी। अन्यथा, मजदूरों को उनकी मजदूरी तक नहीं मिल पायेगी।
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सड़क पर जलजमाव को लेकर हंगामा किया
परेशानी
30 वर्ष से अधिक समय तक नहीं हुआ सड़क का नवीनीकरण
ग्रामीणों ने प्रतिनिधियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है
गुठनी। एक संवाददाता
प्रखंड के पतौआ-लेभरी मुख्य मार्ग पर बुधवार की सुबह जर्जर सड़क और जलजमाव से परेशान ग्रामीणों ने हंगामा किया। उनका कहना था कि 30 वर्षों से अधिक समय होने के बाद भी इसको नहीं बनाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि जलजमाव से बरसात के दिनों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उस समय घुटनों से अधिक पानी को पार करके आना जाना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप था कि इसकी सूचना मुखिया, सरपंच, बीडीसी, प्रमुख, विधायक व सांसद को दी गयी। इसके बाद भी उन्होंने इसे बनाना मुनासिब नहीं समझा। इस गांव के युवाओं का कहना था कि पंचायत में राज्य सरकार की विकास योजनाओं को भी बढ़िया से लागू नहीं किया गया। इससे पंचायत का सम्पूर्ण विकास किया जा सके। साफ किया कि इस तरह की लापरवाही और मनमानी करने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जल्द प्रदर्शन किया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क पतौआ, लेभरी, खड़खड़िया, टेकनिया खैरा, विसवार को जोड़ती है। जिसकी लंबाई 2 किलोमीटर है। मौके पर अरविंद कुमार मिश्रा, संजय कुमार दुबे, निकेश दुबे, पुनीत दुबे, शिवजी पटेल, विकास कुशवाहा, बलिराम चौधरी, दीपक कुमार दुबे, बंटी दुबे, रमेन्द्र दुबे, जहिंद्र पटेल, गिरीश मिश्रा, दवेंद्र दुबे, विनीत कुमार, अमित यादव, चिंटू मिश्रा, मनीष दुबे, राजू मिश्रा, विवेक तिवारी, मनीष तिवारी, उपेंद्र तिवारी व पिंटू यादव थे।
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शहर में आंधी पानी से चरमराई बिजली व्यवस्था
परेशानी
ग्रिड से न्यू पीएसएस आने वाला 33 हजार वोल्ट का केबल ब्लास्ट
बिजली सप्लाई बहाल करने में जुटे रहे बिजली कम्पनी के अधिकारी
सीवान। एक संवाददाता
शहर की बिजली व्यवस्था बुधवार की सुबह आयी तेज आंधी-पानी से चरमरा गई है। हजारों लोग बिजली के साथ पानी को भी तरस गए। लगभग दस घंटे से ठप आपूर्ति के चलते लोगों का इन्वर्टर भी जवाब दे दिया। इससे बच्चों की भी पढ़ाई प्रभावित हुई। हालांकि बारिश के बाद मौसम ठंडा हो गया जिससे लोगों को गर्मी से परेशानी नहीं हुई। बिजली सप्लाई बहाल करने में बिजली कम्पनी के कर्मी शाम तक जुटे रहे। शहर के तरवारा मोड़ स्थित न्यू पीएसएस का 33 हजार वोल्ट का केबल अचानक ब्लास्क कर गया। यह केबल सीवान ग्रिड से न्यू पीएसएस में आता था। बिजली कम्पनी के अधिकारियों ने जब दूसरे केबल से 33 हजार का चालू कराना चाहा तो वह भी ब्लास्ट कर गया। इससे शहर के आंधी आबादी के समक्ष परेशानी उत्पन्न हो गई है। हालांकि विद्युत कार्यपालक अभियंता चंदन कुमार सिन्हा के निर्देश पर हॉस्पिटल रोड़ फीडर से महादेवा व आसपास के मोहल्ले को जोड़ने का प्रयास किया गया। शहर के बबुनिया रोड, जेपी चौक, उजांय मार्केट, रामदेव नगर, महादेवा, शास्त्रीनगर, आनंद नगर, विद्युरतीहाता, चमड़ा मंडी, एके जी चीनी मिल समेत कई मोहल्ले में बिजली सप्लाई ठप रही।
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