जिले में अब तक फसल बर्बाद करने वाले 66 घोड़पड़ास मारे गए
सीवान में किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे 66 घोड़पड़ासों का शिकार किया गया है। मुखिया की अनुमति से वन विभाग के शूटरों ने दुधड़ा और बसंतपुर पंचायतों में कार्रवाई की। किसानों ने घोड़पड़ास और जंगली...

सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले में किसानों के लिए सिरदर्द बने घोड़पड़ास का सफाया शुरू हो गया। किसानों के आवेदन के बाद मुखिया की अनुमति लेकर पंचायती विभाग ने वन विभाग से शूटर बुलाकर जिले के गोरयाकोठी प्रखंड के दुधड़ा व बसंतपुर प्रखंड के बसांव पंचायत में 66 घोड़पड़ासों को ढेर कर चुका है। आगे भी अन्य पंचायतों में ढेर करने की कवायद चल रही है। गौर करने वाली बात है कि पंचायती राज विभाग के पोर्टल पर सबसे अधिक घोड़पड़ास व जंगल सुअर मारने के लिए सीवान जिले के किसानों ने आवेदन किया था। इसके बाद बिहार के मुख्य सचिव ने समीक्षा करने के बाद जिला कृषि पदाधिकारी एवं पंचायती राज पदाधिकारी को जल्द से जल्द शूटर बुलाकर इन्हें आखेट कराने का निर्देश दिया था। इसके बाद घोड़पड़ासों को ढेर करने की कार्रवाई मुखिया के पैड पर लिखित अनुमति लेकर वन विभाग के शूटरों ने कार्रवाई शुरू की। इसमें गोरेयाकोठी प्रखंड के दुधड़ा गांव में में 45 घोड़पड़ास व नीलगाय व बसंतपुर प्रखंड के बसांव में 23 को ढेर किया गया। इस प्रकार से जिले में कुल 66 घोड़पड़ासों को ढेर किया जा चुका है। घोड़पड़ास व सुअरों को खत्म करने की कावायद तेज, किसानों को मिलेगी राहत राज्य में सबसे अधिक पोड़पड़ास व जंगली सुअरों को मारने के लिए सीवान जिले के किसानों का आवेदन मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक में पाया गया था। इसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी को त्वरित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था। जिला कृषि पदाधिकारी आलोक कुमार ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को पत्र भेजकर घोड़पड़ास व जंगली सुअरों को शूटर बुलाकर आखेट करने के लिए आग्रह किया था। बताते चलें कि जिले में घोड़पड़ास व जंगली सुअरों का आखेट करने के लिए पंचायती राज विभाग के पोर्टल पर घोड़परास के लिए 1333 व जंगली सूअर के लिए 51 ऑनलाइन आवेदन किसानों ने किया था। इस प्रकार से जिले से दोनों मिलाकर कुल 1384 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। फसल व बागवानी को नुकसान पहुंचा रहे हैं घोड़पड़ास जिले में घोड़पड़ास, जंगली सूअरों को वन विभाग के शूटरों के माध्यम से खात्म के साथ किसानों को बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करने का जिला कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है। ताकि किसान अधिक से अधिक आवेदन करें। साथ ही जहां-जहां फसल व बागवानी को घोड़पड़ास तथा जंगली सुअर नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्हें आखेट कर किसानों को इस समस्या से राहत दिलाई जा सके। इससे किसानों में अब फसल सुरक्षित होने की आस जग गई है। आवेदन में ये देनी होगी किसानों को विवरणी पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा पंचायती राज विभाग का संयुक्त दिशा-निर्देश में बताया गया है कि पीड़ित किसान ऑनलाइन आवेदन पत्र में जिला। का नाम अनुमंडल प्रखंड या अंचल का नाम, पंचायत का नाम, ग्राम या मौजा का नाम, मारे मारे जाने वाली जानवरों की सूची इसमें घोडपरास व जंगली सुअर मारे जाने वाले जानवरों की संख्या, आवेदक का नाम, पिता का नाम, पता, दूरभाष संख्या व्यवसाय इन बिन्दुओं को भरने के उपरांत आवेदन पत्र का पीडीएफ तैयार कर अपलोड कर सबमिट करना होगा। क्या कहते हैं अधिकारी जिला कृषि कार्यालय स्तर फसल बर्बाद करने वाले घोड़पड़ासों को आखेट करने के लिए सभी बीएओ, कृषि समन्वयक को व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया है। प्रचार-प्रसार का परिणाम है कि जिले में अधिक से अधिक आवेदन आ रहे हैं। अब तक 66 घोड़पड़ासों को वन विभाग के शूटरों द्वारा मारा जा चुका है। अब किसानों में फसल बर्बाद कर रहे घोड़पड़ास व जंगली सुअरों से मुक्ति की उम्मीद जग गई है। - आलोक कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, सीवान
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