विध्वंश के आज के दौर में सृजन महत्वपूर्ण : भगवती
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता।महिलाओं ने अपने गांव के बुनियादी ढांचों के विकास की जाहिर की मंशागोरेयाकोठी। प्रखंड के दो पंचायतो में 2 जीविका महिला ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया...

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर के अधिवक्ता संघ भवन में कार्यक्रम का आयोजन रविवार को किया गया। सरस्वती साहित्य संगम के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में स्मारिका लोकार्पण सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मौके पर अतिथियों ने स्मारिका सृजन स्वर का लोकार्पण किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, प्रख्यात कवि, लेखक व आलोचक भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि विध्वंश के आज के दौर में सृजन महत्वपूर्ण है। रचनाकारों की नई पीढ़ी को प्रेरित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन्दगी की सार्थकता को सामाजिक स्तर पर योगदान ही साबित करते हैं। जन्म लेना पढ़ लेना, नौकरी व फिर पेंशन पा लेना जिंदगी नहीं है। उन्होंने कहा कि साहित्यकार का दायित्व आज अत्यंत गुरुतर हो चला है। साहित्य आज समाज व देश का कुशल पथ प्रदर्शन कर सकता है। विशिष्ट अतिथि व जनसंपर्क के उपनिदेशक सुनील पाठक ने कहा कि कालजयी बनने के लिए साहित्यकारों को कालजीवी बनना अनिवार्य तथ्य है। नयी पीढ़ी को साहित्य व सृजन से जोड़े रहकर देश और समाज की मौजूदा चुनौतियों से उबरने की उनमें क्षमता विकसित आज समय की मांग है। उन्होंने कहा कि देश व समाज की मजबूती के लिए लेखन करने वाला रचनाकार ही बेहतर साहित्य रच पाता है। सरस्वती साहित्य संगम के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. त्रिपाठी सीतारमण ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य हमें जीवंत बनाता है। सांस्कृतिक उन्नयन आज राष्ट्र की सबसे बड़ी जरूरत है। सरस्वती साहित्य संगम की अध्यक्ष व पूर्व प्राचार्या डॉ. सुशीला पांडेय ने स्वागत भाषण के दौरान संस्था के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. त्रिपाठी सीतारमण व संचालन प्रो. अशोक प्रियंवद ने किया। सरस्वती साहित्य संगम के महासचिव प्रकाश चंद्र द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सुभाषचंद्र यादव, सुनील कुमार तंग, मनोज कुमार वर्मा, भगवती प्रसाद द्विवेदी, सुभाष्कर पांडेय, अवधेश पांडेय, बृजकिशोर तिवारी, विजयलक्ष्मी विनोदिनी, परविन्द्र शुक्ल, विभा द्विवेदी ,व्यास शिरोमणि, डॉ.शोभा आदि आदि कवियों ने काव्यपाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पूर्व स्मारिका लोकार्पण सह कवि सम्मेलन कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन से हुई। वहीं अतिथियों का स्वागत पुष्पमाला व अंगवस्त्र देकर किया गया। 5 वर्षीय अभिराज तिवारी ने वैदिक मंत्रोचारण से सभी को प्रभावित किया। कवि सुभाष यादव ने सरस्वती वंदना व स्कूली छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। अधिवक्ता सुभाष्कर पांडेय, बृजमोहन रस्तोगी, नागेन्द्र मिश्र, पीएनबी के पूर्व प्रबंधक शंकर पांडेय, प्रेमशंकर सिंह, ओमप्रकाश दुबे, मनोज कुमार वर्मा, ललन जी मिश्रा, विभा द्विवेदी आदि उपस्थित थे।
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