देवी-देवताओं को सर्वशक्तिमान मान लोग करते पूजा-अर्चना
मोक्ष प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन सच्चिदानंद घन ब्रह्म की भक्ति त्मिक सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग में संत रामपाल जी महाराज ने कहा कि संसार में जितने भी मनुष्य हैं, उनका अपनी-अपनी मान्यताओं के...
मोक्ष प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन सच्चिदानंद घन ब्रह्म की भक्ति विजय हाता में संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक सत्संग में जुटे लोग फोटो संख्या - 4 कैप्शन - विजयहाता में संत रामपाल महाराज का सत्संग सुनते श्रोता। सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर के विजय हाता में संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग में संत रामपाल जी महाराज ने कहा कि संसार में जितने भी मनुष्य हैं, उनका अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार देवी-देवताओं को सर्व शक्तिमान मानकर पूजा अर्चना करते हैं। कथावाचक ने कहा कि अपनी अज्ञानता के कारण मनुष्य फिर भी दुखी है और मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग से बिल्कुल अनजान है। वही संत रामपाल ने श्रीराम रामचरितमानस के आधार पर मोक्ष प्राप्ति के मार्ग को विस्तार से समझाया और बताया। उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस के अनुसार मोक्ष प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन सच्चिदानंद घन ब्रह्म की भक्ति है। यह व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त करती है। श्रीराम रामचरितमानस के बालकांड के दोहा 143 में मोक्षदायक द्वादशाक्षर मंत्र का वर्णन किया गया है, जो इस प्रक्रिया का मुख्य आधार है। संत रामपाल महाराज ने अपने शिष्यों को वर्ष 1994 से ही पवित्र द्वादशाक्षर मंत्रों का ज्ञान दे रहे हैं। इन मंत्रों में ॐ, किलिम्, हरिम्, श्रीम्, सोहम सम्मिलित हैं, जिन्हें साधना के प्रथम चरण में प्रदान किया जाता है। यह मंत्र केवल पूर्ण संत से प्राप्त करने पर ही प्रभावी होते हैं। इन मंत्रों का गहरा आध्यात्मिक महत्व है, जिसके माध्यम से सही साधना से मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। संत ने कहा कि मोक्ष प्राप्ति के लिए पूर्ण संत से सही मार्गदर्शन व भक्ति मार्ग पर चलते हुए द्वादशाक्षर मंत्र का पालन करना अति आवश्यक है।
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