Hindi Newsबिहार न्यूज़सीवानReduced lifting of cylinders to cut costs

खर्च में कटौती के लिए सिलेंडर का हो रहा कम उठाव

प्लान की खबर परेशानी सब्सिडी राशि में कटौती भी बना प्रमुख कारण हाल लॉकडाउन के दौरान उज्ज्वला योजना का सीवान। हिन्दुस्तान संवाददाता कोविड 19 वैश्विक महामारी के दौरान जिले में लागू लॉकडॉउन के दौरान...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानFri, 14 May 2021 01:40 PM
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प्लान की खबर

परेशानी

सब्सिडी राशि में कटौती भी बना प्रमुख कारण

हाल लॉकडाउन के दौरान उज्ज्वला योजना का

सीवान। हिन्दुस्तान संवाददाता

कोविड 19 वैश्विक महामारी के दौरान जिले में लागू लॉकडॉउन के दौरान गरीब व जरूरतमंदों की मदद के लिए सरकार की उज्ज्वला योजना भी मददगार साबित नहीं हो रही है। लॉकडॉउन के दौरान गैस सिलेंडर की कमी नहीं होने के बावजूद उज्ज्वला योजना से जुड़े लाभुक सिलेंडर का उठाव कम ही कर रहे है, ताकि खर्च में कटौती कर अन्य जरूरतों को पूरा किया जा सके। बताया जा रहा कि हाल के दिनों में उज्ज्वला योजना के तहत लाभुक को सिलेंडर का उठाव करने के लिए 907 रुपए देने पड़ रहे है, जिसके एवज में सब्सिडी की राशि केवल 77 रुपये मिल रही है। ऐसे में इस मुश्किल दौर में लाभुक गैस चूल्हा पर खाना बनाने की बजाए लकड़ी व गोइठा पर खाना बनाना अधिक उचित समझ रहे हैं। ताकि पास में पैसे रहे, जिससे मौके बेमौके किसी अन्य कार्य में परेशानी उठानी नहीं पड़े। बताया जा रहा कि उज्ज्वला के लाभार्थियों को सिलेंडर समेत अन्य चीजें भले ही मुफ्त में मिल जाती है। लेकिन, रसोई गैस की पूरी कीमत देनी होती है। गैस भरवाने के बाद पहले जहां निर्धारित सब्सिडी की राशि अधिक थी, वहीं अप्रैल 2020 से घटकर केवल 77 रुपये हो गई है।

उज्ज्वला में सिलेंडर की डिमांड कम

सूत्र बताते है कि उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर की डिमांड कम है, कारण सब्सिडी की राशि का घटना। बताया जा रहा कि बहुत सारे लाभुक साल में एक से दो ही सिलेंडर लेते है। उज्वला योजना से जुड़े 70 प्रतिशत लोग 4 से 5 जबकि 4 से 5 लोग ही एक वर्ष में 10 से 12 सिलेंडर उज्वला योजना के लेते है। अभी गैस की कमी भले ही नही है। लेकिन अप्रैल महीने में डिमांड कम होता है, जबकि मई में बढ़ जाता है। इंडेन से जुड़े जिले में दो लाख वहीं भारत गैस से जुड़े उज्ज्वला के करीब 40 लाभुक जिले में है।

क्या कहते प्रोपराइटर

इंडेन ऑयल के ऋचा गैस एंजेसी के मालिक सह प्रोपराइटर विकास कुमार सिंह उर्फ जीशू सिंह ने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर की डिमांड कम होती है। पहले सब्सिडी की राशि अधिक थी, अब उसमें कमी आई है, यह एक वजह भी है। सिलेंडर के कम उठाव का। महज 4 से 5 उपभोक्ता ही उज्ज्वला के ऐसे है जो कि साल में 10 से 12 सिलेंडर लेते है, अन्यथा यह संख्या केवल एक से 2 ही है।

क्या कहते प्रोपराइटर

भारत एजेंसी के आनंद श्रीभारत गैस एजेंसी के मालिक सह प्रोपराइटर राजा बाबू ने बताया कि पिछले साल लाकडॉउन में तीन माह उज्ज्वला के लाभुकों को फ्री में सिलेंडर दिया गया था। इस बार यह योजना लागू नही की गई है। इस कारण से भी उज्ज्वला योजना के लाभुक सिलेंडर का उठाव लॉकडाउन कम कर रहे है।

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