भूखे प्यासे रखकर दुआ मांगने से होती है कबूल
बड़हरिया में मौलाना मो इलियास ने रमजान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रोजा गुनाहों से मुक्ति और शरीर को तंदुरुस्त रखने में सहायक है। रमजान में भूखे-प्यासे रहकर इबादत करना अल्लाह को पसंद है।...

बड़हरिया। रमजान के माहे पवित्र महीना का बहुत बड़ी फजीलत है। रोजा इंसान के गुनाहों से मुक्त कराती है वही रोजना रखने से शरीर की बहुत बड़ी फायदा है। भूखे प्यासे रहने से शरीर तंदुरुस्त रहता है। इसके अलावा क्रोनिक बीमारी ठीक हो जाती है। ये बातें तेतहली बाजार के मदरसा वारिसया के मौलाना मो इलियास ने कही। उन्होंने कहा कि रमजान में एक महीना का भूखे - प्यासे रह कर इबादत करना अल्लाह को बहुत पसंद है। जिस समय दुआए काबुल होती है। इसमें गरीबों को मदद करनी चाहिए। इस महीना में फितरा और जकात को निकालकर गरीबों में बांटने चाहिए, जिससे गरीब को भी ईद खुशी से हो सके। रमजान में रोजा रखकर आपसी एकता और भाईचारे की दुआ मांगनी चाहिए।
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